
महेशपुर/पाकुड़:- महेशपुर प्रखंड के गायबथान पंचायत के बड़ा खरीयोपाड़ा गांव इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है।चर्चा किसी कल्याणकारी योजनाओं भलाई या अच्छाई की नहीं है अपितु भ्रष्टाचार से सम्बन्धित है।बताते चलें की गायबथान पंचायत के खारियोपाड़ा गांव में मनोज मरांडी की जमीन पर वित्तीय वर्ष 2021-22 में सिंचाई कूप निर्माण कराया गया है। इसमें ना तो कोई बोर्ड लगा हुआ है और ना ही कार्य को सही ढंग से किया गया है। कूप का दीवार जगह जगह पर फटने लगा है।साइड में मिट्टी भी प्रयाप्त मात्रा मे भरा नहीं गया है।ऐसा प्रतीत होता है जैसे योजना के नाम पर खानापूर्ति की गई हो।योजनाओं को जैसे तैसे पूरा कर सरकारी राशि की निकासी कर बंदरबांट किया गया है। जैसे तैसे निर्माण कर बिचोलिया द्वारा पैसों को अपने जेब में भर लिया गया।संबंधित कर्मियों को जनता के हितों का ध्यान नहीं अपितु सिर्फ उन्हें अपनी जेबें गर्म करनी है।भ्रष्टाचार के इस खुले खेल में ना तो संबंधित अधिकारियों का ध्यान है और ना ही जनप्रतिनिधियों का जिसका फायदा मुखिया,पंचायत सचिव तथा रोजगार सेवक, विचौलिया जैसे कर्मी उठाते हैं,तथा जनता को ठगने का काम करते है।यही क्रम चलता रहा तो महेशपुर प्रखंड का नाम विकास में नहीं अपितु भ्रष्टाचार में सबसे उपर आएगा।योजनाओं की स्वीकृति से लेकर क्रियान्वन तथा उसके पूरे होने तक इसकी मॉनीटरिंग की जवाब देही संबंधित अधिकारी की होती है, लेकिन यदि इस योजना में गड़बड़ी हुई तो कहीं ना कहीं इसके लिए संबंधित अधिकारी भी उतना ही दोषी है।मनरेगा कार्यो में ऐसा भ्रष्टाचार कहीं ना कहीं जांच का विषय है।यदि इस पर उचित तरीके से जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की कई परतों का खुलासा हो सकता है।साथ ही साथ जनता के हक तथा अधिकारों से वंचित करने वाले ऐसे कर्मी तथा बिचौलियों को एक सबक मिल सकता है।