रिपोर्टिंग : प्रेम कुमार साहू, घाघरा (गुमला)
घाघरा प्रखंड में रविवार शाम छठ महापर्व के तीसरे दिन श्रद्धा और आस्था का सागर उमड़ पड़ा। जैसे ही सूर्य अस्ताचल की ओर बढ़े, व्रती महिलाओं ने नदी, डैम और तालाबों के जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को संध्या अर्घ्य अर्पित किया। हर ओर छठ के पारंपरिक गीतों की मधुर ध्वनि और भक्ति की लहर गूंज उठी।
घाघरा चांदनी चौक स्थित छठ नगर छठ घाट, यज्ञ बगीचा घाट, पुटो रोड घाट, सिकवार डैम, नवडीहा नदी, देवाकी डैम, गुटवा कोयल नदी, और बलाखटंगा कोयल नदी सहित अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। महिलाएं पारंपरिक परिधान में सजी-धजी, फल, दूध और ठेकुआ जैसे प्रसाद के साथ सूर्य उपासना में लीन रहीं।
भक्तों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर प्रशासन सतर्क दिखा। प्रत्येक घाट पर दंडाधिकारी और पुलिस बल की तैनाती की गई थी। साथ ही विभिन्न छठ पूजा समितियों ने सफाई, प्रकाश व्यवस्था और बैरिकेडिंग का पूरा प्रबंध किया था। शाम होते ही घाटों पर रोशनी से सजावट की गई, जिससे पूरा माहौल आलौकिक दिखाई दे रहा था।
संपूर्ण क्षेत्र में छठ पर्व ने सामाजिक एकता और धार्मिक सौहार्द का सुंदर उदाहरण पेश किया। भक्तजन एक-दूसरे की मदद करते नजर आए। वहीं, प्रशासन और स्थानीय युवाओं ने सहयोग की भावना से व्यवस्था संभाली।
मंगलवार की भोर में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन होगा। श्रद्धालु इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर परिवार और समाज के कल्याण की कामना करेंगे।