
अनूप कुमार गुप्ता,
गढ़वा। जल शक्ति मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा प्रारंभ किए गए “स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण- 2025” के सफल क्रियान्वयन एवं जिला स्तर पर इसकी तैयारियों को सशक्त करने के लिए मंगलवार को समाहरणालय सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त सह जिला जल एवं स्वच्छता समिति के अध्यक्ष दिनेश कुमार यादव ने की।
कार्यशाला का उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता, पेयजल प्रबंधन और जनभागीदारी को सशक्त बनाना था। “स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण” का आयोजन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, भारत सरकार द्वारा किया जाता है, जिसके माध्यम से ग्राम स्तर पर स्वच्छता के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर जिलों एवं राज्यों की रैंकिंग की जाती है।
इस अभियान को एएमएस के माध्यम से संचालित किया जा रहा है, जो एक स्वतंत्र एजेंसी है। सर्वेक्षण का उद्देश्य गुणवत्ता आधारित स्वच्छता आकलन कर राष्ट्रीय स्तर पर जिलों और राज्यों को रैंक प्रदान करना है।
उक्त अवसर पर जिला जल एवं स्वच्छता समिति के पदाधिकारियों, प्रखंड विकास पदाधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों के कर्मियों को एसएसजी-2025 के उद्देश्यों, प्रक्रिया एवं मूल्यांकन मानकों से अवगत कराया गया। कार्यशाला में विभिन्न बिंदुओं पर तकनीकी प्रस्तुतियाँ दी गईं और सहभागियों को स्वच्छता रैंकिंग प्रणाली को बेहतर ढंग से समझाने हेतु प्रशिक्षित किया गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2025 एक ऐसा मंच है, जिसके माध्यम से ग्राम स्तरीय सफाई, खुले में शौच से मुक्ति, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, जन जागरूकता तथा सतत स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाती है।
यह कार्यक्रम एक व्यापक जनआंदोलन का स्वरूप ग्रहण कर चुका है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण भारत को एक स्वच्छ और समृद्ध राष्ट्र की दिशा में अग्रसर करना है।