
लातेहार/मनिका: अखिल भारतीय श्रमिक सम्मान यात्रा के तहत प्रखंड कार्यालय परिसर में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में वर्किंग पीपल्स कलेक्शन के सदस्य राजेश उपाध्याय, प्रकाश कुमार, सुषमा शर्मा, ज्योति एका, मीनाक्षी, चिन्मयी शामल, नदीम और नितेश दास सहित कई अन्य महत्वपूर्ण लोग मौजूद रहे।
राजेश उपाध्याय ने इस अवसर पर बताया कि यह यात्रा भारत के असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एकजुट करने और उनके हक की आवाज को बुलंद करने के उद्देश्य से चलाई जा रही है। इस यात्रा के माध्यम से श्रमिकों की प्रमुख मांगों और प्रस्तावों को एकत्रित कर केंद्र और राज्य सरकारों तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल श्रमिकों को सशक्त बनाएगा, बल्कि उनके अधिकारों को संरक्षित करने के लिए सरकार पर दबाव भी डालेगा।

श्रमिकों की प्रमुख मांगें
इस जनसभा में श्रमिकों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को साझा किया और उनके समाधान की मांग की। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगें शामिल थीं:
- न्यूनतम वेतन में वृद्धि: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी उचित वेतन मिले और उनके जीवन स्तर में सुधार हो।
- सामाजिक सुरक्षा: श्रमिकों के लिए बीमा, पेंशन, चिकित्सा सुविधाएँ और अन्य सुरक्षा उपाय लागू किए जाएँ।
- श्रमिक पहचान पत्र: सभी असंगठित मजदूरों को एक आधिकारिक पहचान पत्र मिले जिससे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।
- कार्य स्थल पर सुरक्षा: कार्यस्थल पर दुर्घटनाओं से बचाव के लिए उचित सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएँ।
- ठेका प्रथा खत्म हो: स्थायी रोजगार और श्रमिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए ठेका प्रणाली को खत्म किया जाए।
यात्रा के उद्देश्य और महत्व
अखिल भारतीय श्रमिक सम्मान यात्रा कम से कम 12 राज्यों से गुज़र रही है और इसका उद्देश्य उन लाखों श्रमिकों को एकजुट करना है जो हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन उन्हें उचित वेतन और सुरक्षा नहीं मिलती। यह यात्रा श्रमिकों को प्रेरित करने, उन्हें संगठित करने और उनके पक्ष में एक स्थायी बदलाव लाने के लिए चलाई जा रही है।
वर्किंग पीपल्स कमीशन द्वारा आयोजित इस यात्रा में विभिन्न सामाजिक संगठनों, ट्रेड यूनियनों और श्रमिक संगठनों की भागीदारी है। कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने इस यात्रा के महत्व को समझाते हुए कहा कि यदि श्रमिक अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होंगे और संगठित होकर अपनी आवाज़ उठाएंगे, तो निश्चित रूप से सरकार को उनकी मांगों को मानना पड़ेगा।
कार्यक्रम में श्रमिकों की भागीदारी
इस जनसभा में बड़ी संख्या में मजदूरों ने हिस्सा लिया, जिनमें श्रमिक सुविधा केंद्र, मजदूर किसान संगठन और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल थे। उपस्थित लोगों ने अपने-अपने अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे श्रमिकों के साथ शोषण हो रहा है।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार को श्रमिकों के कल्याण के लिए ठोस नीतियाँ बनानी चाहिए और उनके हितों की रक्षा के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए। यदि श्रमिकों को न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा और स्थायी रोजगार नहीं मिलेगा, तो देश की आर्थिक संरचना भी प्रभावित होगी।
संभावित परिणाम और आगे की योजना
इस यात्रा के माध्यम से विभिन्न राज्यों में श्रमिकों की आवाज़ को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है। जनसभा में मौजूद श्रमिकों ने सरकार से अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का अनुरोध किया।
आयोजकों ने बताया कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि श्रमिकों को अपने अधिकारों के प्रति और अधिक जागरूक किया जा सके। यात्रा का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक सशक्त समूह के रूप में तैयार करना है, जिससे वे अपने हक के लिए संघर्ष कर सकें और एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।