रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार: नामकुम थाने के दारोगा चंद्रदीप प्रसाद को ACB ने पकड़ा

रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार: नामकुम थाने के दारोगा चंद्रदीप प्रसाद को ACB ने पकड़ा

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रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार: नामकुम थाने के दारोगा चंद्रदीप प्रसाद को ACB ने पकड़ा

रांची। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), रांची की टीम ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नामकुम थाने के दारोगा चंद्रदीप प्रसाद को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। दारोगा पर आरोप है कि वह एक दहेज प्रताड़ना के मामले को मैनेज करने के नाम पर शिकायतकर्ता से रिश्वत की मांग कर रहा था। एसीबी ने शिकायत की जांच और सत्यापन के बाद यह कार्रवाई की।

इस कार्रवाई से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है और एक बार फिर यह मुद्दा चर्चा में आ गया है कि आम नागरिकों को न्याय दिलाने वाली व्यवस्था में ही जब भ्रष्टाचार हो, तो भरोसा कैसे कायम रहे।

बलिया निवासी आशीष कुमार यादव ने की थी शिकायत

इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के शिवपुर निवासी आशीष कुमार यादव ने की थी, जो वर्तमान में रांची के नामकुम क्षेत्र में रहते हैं। आशीष कुमार ने एसीबी को दी गई लिखित शिकायत में बताया कि 18 नवंबर 2023 को बलिया के आमघाट निवासी नंदजी यादव ने उनके और उनके माता-पिता के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और धोखाधड़ी के आरोपों में नामकुम थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।

शिकायत के अनुसार, नंदजी यादव की पुत्री का आशीष से छेका (सगाई) हुआ था, लेकिन कुछ निजी कारणों से रिश्ता टूट गया। दोनों पक्षों के बीच पंचों की मध्यस्थता में सामान का अदान-प्रदान भी हो गया था। इसके बावजूद प्राथमिकी दर्ज की गई, जिससे आशीष और उनका परिवार मानसिक रूप से परेशान हो गया।

केस मैनेज करने के नाम पर मांगी गई रिश्वत

इस केस के अनुसंधानकर्ता नामकुम थाने के दारोगा चंद्रदीप प्रसाद थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि वे और उनके परिवार के सदस्य सिविल कोर्ट से जमानत ले चुके थे, फिर भी दारोगा उन पर दबाव बनाते रहे। उन्होंने केस को मैनेज करने के नाम पर एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की और पहली किस्त के रूप में 30 हजार रुपये देने को कहा।

इस बात से परेशान होकर आशीष कुमार ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की शरण ली और लिखित शिकायत दर्ज कराई। एसीबी ने मामले को गंभीरता से लिया और तीन अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद जांच और सत्यापन प्रक्रिया शुरू की।

रंगे हाथ हुई गिरफ्तारी

शिकायत की पुष्टि होने के बाद एसीबी ने जाल बिछाया और शुक्रवार को दारोगा चंद्रदीप प्रसाद को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें विधिसम्मत कार्रवाई के लिए एसीबी कार्यालय लाया गया, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।

एसीबी की इस कार्रवाई से यह संदेश गया है कि राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है और कोई भी व्यक्ति, चाहे वह सरकारी पद पर ही क्यों न हो, कानून से ऊपर नहीं है।

पुलिस विभाग की छवि को लगा धक्का

इस घटना ने झारखंड पुलिस की छवि को एक बार फिर धूमिल कर दिया है। जिस विभाग को आम लोगों की सुरक्षा और न्याय दिलाने की जिम्मेदारी दी गई है, जब वहीं रिश्वत और भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाएं, तो कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े होना स्वाभाविक है।

राज्य सरकार और पुलिस महकमा इस तरह के मामलों पर क्या ठोस कदम उठाएंगे, यह देखना अब बाकी है। लेकिन फिलहाल, एसीबी की त्वरित और निर्णायक कार्रवाई ने पीड़ित को राहत जरूर दी है और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को चेतावनी भी।

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