
लातेहारः– बंधु तिर्की ने रांची के मोराबादी मैदान में 4 फरवरी को होने वाली एकता महारैली की तैयारी को लेकर सोमवार को लातेहार सर्किट हाउस में बैठक की। इस दौरान श्री तिर्की ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 24 दिसंबर 2023 को रांची के मोरहाबादी मैदान में धर्म बदलने वाले आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का लाभ लेने से रोकने की मांग के साथ डिलिस्टिंग रैली जनजाति सुरक्षा मंच के बैनर तले की गई थी। लोकसभा में डिप्टी स्पीकर रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री कड़िया मुंडा के संरक्षण में यह महारैली हुई थी। राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने डिलिस्टिंग महारैली को आरएसएस-भाजपा की चाल बताते हुए इसके जवाब में आदिवासी एकता महारैली करने की घोषणा की।

आयोजित डिलिस्टिंग रैली केवल चुनाव के मद्देनजर आदिवासियों के ध्रुवीकरण का प्रयास, आदिवासियों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों के समाधान के लिए 4 फरवरी को रांची में आदिवासी एकता महारैली का आयोजन हो रहा है। श्री तिर्की ने बताया कि इसकी तैयारियों को लेकर हमलोग राज्य के सभी जिलों में बैठक कर रहे हैं।इसके साथ ही पिछले दिनों रांची में हुई डिलिस्टिंग महारैली को असंवैधानिक बताया। आगे उन्होंने कहा कि बनहरदी कोलमांइस,तुबेद कोलमांइस, जैसे बड़े बड़े कंपनियों ने सिर्फ जमीन लुटने कि काम कर रही है, लेकिन इस मुद्दे पर कोई राजनेता नहीं बोल रहा है। सभी चुप्पी साधे हुए। रैयतों को जमीन का मुआवजा मिल रहा है उसमें भी 10 प्रतिसत लुटा जा रहा है। इस दौरान मौके पर कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुनेश्वर उरांव समेत तुलेश्वर उरांव, बुद्ध उरांव, सुरेश उरांव, रामलाल उरांव, नरेश उरांव, आर्सन तिर्की , जीतू उरांव , दीपू कश्यप राजेश उरांव संतोष उरांव लालदेव उरांव मनोज उरांव नरेश उरांव शैलेश उरांव आदि लोग मौजूद थे।