
केरल: केरल की एक निजी विपणन कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों के साथ किए गए अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि एक कर्मचारी को घुटने और हाथ के बल चलने पर मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद एक थाली पर रखे सिक्के को चाटने को कहा जाता है। सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आने के बाद केरल सरकार एक्शन में आ आई है। बताया जा रहा है कि यह सजा उन्हें खराब प्रदर्शन के कारण दी गई।
घटना के सामने आते ही राज्यभर में लोगों में आक्रोश फैल गया है और इसे कर्मचारियों की गरिमा के खिलाफ बताया जा रहा है। वीडियो में जिस तरह से कर्मचारियों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया गया, उसे लेकर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। मानवाधिकार संगठनों और श्रमिक संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और संबंधित कंपनी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
राज्य के श्रम मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा कि “केरल जैसे प्रगतिशील राज्य में इस तरह का अमानवीय व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे तत्काल जांच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें।”
श्रम मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच में कंपनी की गलती साबित होती है, तो उसके खिलाफ श्रम कानूनों के तहत सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की गरिमा और अधिकारों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है।
जानकारी के अनुसार यह घटना कोच्चि स्थित एक मल्टीलेवल मार्केटिंग कंपनी की है, जहां सेल्स टारगेट पूरा न कर पाने वाले कुछ कर्मचारियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कर्मचारी शर्म और भय के माहौल में घुटनों के बल चलने को मजबूर हैं, जबकि अन्य कर्मचारी और अधिकारी उन्हें देख रहे हैं या वीडियो बना रहे हैं।
इस घटना ने कार्यस्थल पर उत्पीड़न और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे को एक बार फिर से सुर्खियों में ला दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती हैं, बल्कि यह संविधान में प्रदत्त उनके मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है।
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने भी तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि यह बर्ताव “मानवता के खिलाफ अपराध” के समान है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। कुछ ने यह भी मांग की कि कंपनी का लाइसेंस रद्द किया जाए और प्रबंधन को कानूनी रूप से जवाबदेह ठहराया जाए।
फिलहाल प्रशासन इस पूरे मामले की जांच कर रहा है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। यह मामला देशभर में उस बहस को भी तेज कर रहा है, जिसमें कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की गरिमा और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए कड़े कानूनों और उनके प्रभावी क्रियान्वयन की मांग की जा रही है।
SHORSH-पीटीआई, कोच्चि