- श्री शिवाय नमस्तुभ्यं से गूंजा पूरा वातावरण।
जमशेदपुर :- सोमवार को अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का कथा सुनने के लिए जमशेदपुर के डोबो स्थित काजू बाग़ान में आस्था का जन सैलाव उमड़ा । कथा पांच फरवरी से नौ फरवरी तक होगा। आयोजन समिति के आशा और उम्मीद के विपरित लाखों की भीड़ देख हर कोई हैरान हुआ। डोबो स्थित कथा स्थल काजू बगान में पूरा पंडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। आनन – फानन में पंडाल का दूसरा स्वरूप तैयार किया गया , वह भी चंद मिनटों में ही लोगों से भर गया। लोग धूप में खुले आकाश में ही प्लास्टिक आदि बिछाकर कथा सुनने के लिए श्रद्धा भाव से नीचे जमीन पर बैठ गये। चारों तरफ आयोजन स्थल के पास लोगों की भीड़ नजर आई। निर्धारित समय से आधे घंटे बाद लगभग ढ़ाई बजे पंडित प्रदीप मिश्रा मंच पर विराजमान हुये। मंच पर ज्यों ही पंडित प्रदीप मिश्रा विराजमान हुए , पूरा कथा स्थल हर – हर महादेव, श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जयकारे से गूंज उठा। श्रद्धालु दोनों हाथ उठाकर बाबा प्रदीप मिश्रा का अभिवादन किये। उन्होंने बाबाधाम , बैजनाथ धाम को केंद्र में रखकर पातालेश्वर महादेव का कथा वाचक किये। सर्व प्रथम मंच पर विराजमान होते पंडित प्रदीप मिश्रा श्री शिवाय नमस्तुभ्यं बोलकर लोगों का अभिवादन किये। फिर मुख्य यजमान रंजीता वर्मा , मीणा देवी , संतोष कुमार समेत अन्य के नामों का जिक्र किये। उन्होंने कहा कि झारखंड की धरती बाबा बैजनाथ देव जी की पवित्र धरा है , जहां भगवान शिव भक्तों के लिए साक्षात विराजमान है।
जमशेदपुर के डोबो स्थित काजू बागान में यह जो कथा शिवमहापुराण की हो रही है तो कहीं न कहीं महाशिव की कृपा आप सब पर है। इस कथा का नाम पातालेश्वर महादेव का कथा है। इस लिए आप सब अपने ज्ञानेंद्रियों को वश में करके 11 नंबर की ज्ञानेंद्री मन को वश में करके कथा का श्रवण करें। उन्होंने कहा कि दुनिया का प्रत्येक माता – पिता यह उम्मीद करते हैं कि उनके बच्चें पढ़ाई – लिखाई कर खूब तरक्की करें। अच्छा से विद्या अर्जित करे। खुशी से रहे । ठीक इसी प्रकार हमारे शिव भी अपने विशाल परिवार के सलामती की हमेशा इच्छा रखते हैं। मंत्रोच्चार के बीत कथा ज्यों – ज्यों आगे बढ़ता गया श्रद्धालु कथा श्रवण में लिन होते गये। बीच – बीच में जयकारे लगते रहे। उन्होंने कहा कि बेलपत्र , धतुरा , फूल आदि जो भगवान शिव पर चढ़ता है उसे फेंका नहीं जाता है। आपके द्वारा शिव को चढ़ाया गया एक लोटा जल भी कभी व्यर्थ नहीं जाता है। उन्होंने लोगों से अपील की जिनको जहां जगह मिल रहा है वहीं बैठक कर कथा सुनिए। कथा के दौरान ही उन्होंने श्रद्धालुओं के द्वारा प्रेषित पत्रों को पढ़कर सुनाया। जिसमें लोगों ने अपने – अपने अनुभवों को साझा किया था।
बाबा का एक झलक पाने के लिए लोग हुए लालायित जी हां , पंडित प्रदीप मिश्रा की एक झलक पाने के लिए लोग लालायित दिखें। दूर दराज बैठे श्रद्धालुओं को एलईडी डिस्प्ले पर ही बाबा को देखकर संतोष करना पड़ा।
आयोजन स्थल पर इंतजाम नाकाफी
लोगों के भीड़ को देखते हुए आयोजकों का इंतजाम नाकाफी रहा। सबसे ज्यादा परेशानी महिला श्रद्धालुओं को हो रही है। शौच , स्नान आदि के लिए पास स्थित नदी ही एक मात्र सहारा है। चलंत शौचालय अपर्याप्त है। कथा के प्रथम दिन कुल मिलाकर अव्यवस्था का माहौल दिखा। हालांकि व्यवस्था के लिए पहल की गई थी परंतु काम के कार्यकर्ता कम ही दिखें।
एक श्रद्धालु ने कहा कि बाबा का झारखंड में आयोजन बड़ी बात रही। लोगों को बड़ी उत्सुकता थी परन्तु यहां के इंतजाम ने निराश किया। चलिए कोई बात नहीं। हम तो भोले के भक्त है कहीं भी रह लेंगे। परंतु माताएं , बहने ठंड में परेशान है , शौचालय आदि के लिए व्यवस्था खल रही है। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राधा स्वामी जैसी संस्था के बड़े – बड़े आयोजन देशभर में होते हैं उनका इंतजाम एवं व्यवस्था से सीख लेने की जरूरत है। उधर कथा सुनने आईं कुछ महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। जिनका मेडिकल टीम ने इलाज किया। आयोजन स्थल पर पुलिस सुबह से मुस्तैद रही।