
श्रीनगर/पीटीआई,
कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस बर्बर हमले में एक नेपाली नागरिक सहित कुल 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। हमले को हुए बीस दिन बीत चुके हैं, लेकिन हमलावर अब भी कानून की पकड़ से बाहर हैं।
हमले के बाद से ही जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही हैं। इसी कड़ी में पुलिस ने सोमवार को तीन संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें सार्वजनिक कीं, जिन पर हमले में शामिल होने का संदेह है। इन आतंकियों की तलाश में अब घाटी के विभिन्न हिस्सों में पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें उनकी तस्वीरों के साथ उनकी पहचान उजागर की गई है।
20 लाख का इनाम, पहचान रहेगी गुप्त
पोस्टरों में यह स्पष्ट किया गया है कि इन आतंकियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। साथ ही, सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे आतंकियों की पहचान या ठिकानों की जानकारी देकर आतंकवाद के खिलाफ अभियान में योगदान दें।
ये पोस्टर खासकर शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग जैसे संवेदनशील जिलों में प्रमुख स्थानों पर लगाए गए हैं। इसके जरिए लोगों में जागरूकता फैलाने के साथ-साथ आतंकियों पर सामाजिक दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
ओवरग्राउंड वर्करों पर शिकंजा
जांच एजेंसियों ने अब तक इस हमले से जुड़े कई ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) को हिरासत में लिया है। इन पर आतंकियों को पनाह देने, सहायता पहुंचाने और हमले की योजना में शामिल होने का आरोप है। पूछताछ के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
भारतीय सेना का जवाब: ऑपरेशन सिंदूर
इस जघन्य नरसंहार का बदला लेने के लिए भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को एक विशेष सैन्य अभियान चलाया, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। यह कार्रवाई पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ की गई। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने लगभग 100 आतंकियों को ढेर कर दिया और कई आतंकी ठिकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया।
रक्षा मंत्री ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई सुनियोजित और लक्षित थी, जिसका उद्देश्य भविष्य में इस प्रकार के आतंकी हमलों को रोकना और आतंकवाद को जड़ से खत्म करना है। सेना की इस कार्रवाई को आतंकी संगठनों को दिया गया एक सख्त संदेश माना जा रहा है।
आतंकमुक्त कश्मीर की ओर
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हैं। बैसरन नरसंहार के बाद आम जनता में आक्रोश है और लोग आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा जारी पोस्टरों में “आतंकमुक्त कश्मीर” के संकल्प को दोहराया गया है, जो यह दर्शाता है कि प्रशासन इस दिशा में पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।
बैसरन घाटी हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा थी, बल्कि यह एक मानवीय त्रासदी भी थी। इस हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पुलिस, सेना और खुफिया एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। जनता का सहयोग, सटीक जानकारी और प्रशासन की सख्ती ही आतंक के इस जाल को खत्म कर सकती है।
देश अब यह उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही इन खूनी हमलावरों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हैं। बैसरन नरसंहार के बाद आम जनता में आक्रोश है और लोग आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस द्वारा जारी पोस्टरों में “आतंकमुक्त कश्मीर” के संकल्प को दोहराया गया है, जो यह दर्शाता है कि प्रशासन इस दिशा में पूरी गंभीरता और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहा है।
बैसरन घाटी हमला न केवल सुरक्षा व्यवस्था की परीक्षा थी, बल्कि यह एक मानवीय त्रासदी भी थी। इस हमले के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए पुलिस, सेना और खुफिया एजेंसियां समन्वय के साथ कार्य कर रही हैं। जनता का सहयोग, सटीक जानकारी और प्रशासन की सख्ती ही आतंक के इस जाल को खत्म कर सकती है