
लातेहार। कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग (उद्यान प्रभाग) के तत्वाधान में सोमवार को टाउन हॉल में “राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन (NBHM)” योजनांतर्गत दो दिवसीय जिला स्तरीय मधुमक्खी पालन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों को मधुमक्खी पालन की आधुनिक तकनीकियों से अवगत कराना और उन्हें इस व्यवसाय से जोड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना था।
कार्यशाला का शुभारंभ व उद्घाटन
कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ जिला कृषि पदाधिकारी श्री अमृतेश सिंह, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. चंदन, जिला सहकारिता पदाधिकारी श्रीमती जागमणि टोपनो, जिला मत्स्य पदाधिकारी स्वर्णलता मधु लकड़ा, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी श्री विवेक मिश्रा एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी श्री देवनाथ चौरसिया के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी श्री अमृतेश सिंह ने जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए मधुमक्खी पालक किसानों और प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए मधुमक्खी पालन की तकनीकी बारीकियों और व्यावसायिक संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन न सिर्फ कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है, बल्कि इससे किसान अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं।

मधुमक्खी पालन की उपयोगिता पर चर्चा
इस कार्यशाला में विशेषज्ञों द्वारा मधुमक्खी पालन के वैज्ञानिक तौर-तरीकों, शहद उत्पादन, उसकी गुणवत्ता, विपणन एवं व्यवसायिकरण पर विस्तार से चर्चा की गई। किसानों को मधुमक्खियों की प्रजातियों, छत्तों की देखभाल, शहद के सही संग्रहण एवं प्रसंस्करण तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई।
मुख्य बिंदु:
- मधुमक्खी पालन से किसानों की आय में वृद्धि – यह व्यवसाय पारंपरिक खेती से अलग होकर कम लागत में अधिक लाभ देने वाला है।
- फसलों की उत्पादकता में वृद्धि – मधुमक्खियों द्वारा परागण से कृषि उत्पादन में सुधार होता है।
- शहद के साथ अन्य उत्पादों का व्यवसाय – शहद के अलावा मोम, पराग, प्रोपोलिस, और रॉयल जेली जैसे उत्पादों का भी अच्छा बाजार है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ – राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन के तहत किसानों को आर्थिक एवं तकनीकी सहायता दी जाती है।
किसानों को मिलेगा प्रशिक्षण और सहायता
कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों ने किसानों को सरकार की ओर से उपलब्ध योजनाओं और अनुदान सहायता की भी जानकारी दी। जिला कृषि विभाग ने किसानों से मधुमक्खी पालन को बड़े पैमाने पर अपनाने और इसे एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया।
किसानों में दिखा उत्साह
जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए सैकड़ों मधुमक्खी पालक किसानों और प्रशिक्षणार्थियों ने कार्यशाला में भाग लिया और विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त किया। कई किसानों ने बताया कि वे इस व्यवसाय को अपनाकर अपनी आय बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।
आगे की योजना
कार्यशाला के अंत में अधिकारियों ने बताया कि भविष्य में भी ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे जिले के अधिक से अधिक किसान मधुमक्खी पालन के महत्व को समझें और इसे अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करें।
कार्यशाला में विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ कृषि वैज्ञानिक, मधुमक्खी पालन विशेषज्ञ, स्थानीय उद्यमी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।