
संजय प्रजापति का संदेश: हथियार से नहीं, कलम से बदलाव आएगा’, जिला प्रशासन की बड़ी सफलता
लातेहार:- 26 जनवरी, रविवार को जिला खेल स्टेडियम में एक गणतंत्र दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।पूर्व में आत्मसमर्पण करने वाले पांच नक्सलियों—संजय प्रजापति, रघुनाथ सिंह खरवार, गोपाल गंझू, रंजीत सिंह और कलटू गंझू—को जिला प्रशासन द्वारा पुनर्वास नीति के तहत भूमि का बंदोबस्ती पट्टा प्रदान किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी (डीसी), उत्कर्ष गुप्ता व पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुमार गौरव एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे,जिन्होंने आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।सबसे बड़ी खबर यह है कि संजय प्रजापति,जो पहले नक्सली संगठन का एक प्रमुख चेहरा थे और जिनके नाम से जिले में खौफ था, ने अब आत्मसमर्पण कर पत्रकारिता का दामन थाम लिया है।

वर्तमान में वे पत्रकारिता के क्षेत्र में ब्यूरो चीफ के पद पर कार्यरत हैं और उनका यह कदम न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की एक नई शुरुआत है, बल्कि यह समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
संजय प्रजापति का मानना है कि हथियार से नहीं, बल्कि कलम से बदलाव आएगा। अब वे जनता की आवाज़ बनकर समाज में सुधार और शांति की दिशा में काम कर रहे हैं। यह घटना जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि आत्मसमर्पण और पुनर्वास की नीति न केवल हिंसा को समाप्त करने में मदद करती है, बल्कि यह लोगों को एक नया अवसर भी प्रदान करती है।
यह उदाहरण न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत है,बल्कि यह यह भी साबित करता है कि हर व्यक्ति के पास सुधार और परिवर्तन की दिशा में एक नया रास्ता अपनाने का मौका होता है।