दीपक कुमार,

जमशेदपुर :- राजनीति में एक प्रचलित कहावत है । इसमें कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता है। यह कहावत इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान चरितार्थ होता दिख रहा है। अमरप्रीत सिंह काले की भाजपा में वापसी। सरयू राय से भाजपाइयों की नजदीकियां।
बारी मुर्मू, बास्को बेसरा , गणेश महाली , कुणाल षाड़ंगी, राजकुमार सिंह, विमल बैठा , शिवशंकर सिंह, विकास सिंह, राजपति देवी , दुलाल भुईयां, शंभु चौधरी समेत अनेक नेता उदाहरण है। जो कल तक कहीं थे आज कहीं है। कुछ को टिकट नहीं मिला तो पार्टी से बगावत कर ली। कुछ मन में अफसोस कर चुपचाप बैठे हैं।

वहीं राजनीति जानकारों की मानें तो जो लोग बगैर पार्टी सिंबल के चुनाव मैदान में भाग अजमा रहे हैं उन्हें जनता का कितना प्यार मिलेगा यह बात चुनाव में मिले वोटों से आकलन हो जाएगा। बस यूं समझ लीजिए चुनाव बाद रिपोर्ट कार्ड ऐसे नेताओं का भविष्य तय करेगा।
इस सब के बीच सरायकेला खरसावां में भी कुछ नया देखने को मिला। चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से कभी घोर विरोधी रहे रमेश हांसदा आज चंपाई सोरेन के शरण में दिखें। भाजपाईयों का एक प्रतिनिधिमंडल रमेश हांसदा के नेतृत्व में श्री सोरेन के जीलिंगगोड़ा स्थित आवास पर जाकर उनसे मिला ।
उन्हें शॉल भेंटकर उनका स्वागत किया तथा यह भरोसा दिलाया कि पार्टी नेतृत्व ने आपको सरायकेला से उम्मीदवार घोषित किया है।
ऐसे में हम सब आपको भारी मतों से विजय दिलाने के लिए कार्य करेंगे।
भाजपा नेता रमेश हांसदा के साथ अभिजीत दत्त , दशरथ हांसदा , बिशु महतो , सपन महतो , सीताराम हांसदा , लालचंद महतो , राजेश गोप , विद्या सागर दुबे आदि शामिल थे। अभिजीत दत्त ने कहा कि शुक्रवार 25 अक्तूबर को चंपाई दा नामांकन करेंगे जिसमें हम सब भारी तादाद में हिस्सा लेंगे।