विशुनपुरा (गढ़वा)। थाना क्षेत्र के उत्क्रमित उच्च विद्यालय में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से थाना प्रभारी राहुल कुमार सिंह ने छात्रों को सड़क सुरक्षा, बाल विवाह, साइबर अपराध और नशा मुक्ति जैसे गंभीर विषयों पर जागरूक किया।
थाना प्रभारी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “युवा पीढ़ी देश का भविष्य है। उन्हें सही मार्गदर्शन और सतर्कता की अत्यंत आवश्यकता है।” उन्होंने सड़क सुरक्षा को जीवन रक्षा से जोड़ते हुए विद्यार्थियों को हेलमेट पहनने और चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट लगाने की सलाह दी। उनका स्पष्ट कहना था कि यह न केवल आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि दुर्घटनाओं से बचने में भी सहायक होता है।
बाल विवाह की चर्चा करते हुए थाना प्रभारी ने कहा कि नाबालिग विवाह कानूनन अपराध है, जो न केवल शिक्षा बल्कि जीवन के समग्र विकास को भी बाधित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को इसके दुष्परिणामों से अवगत कराया और समाज में इसके खिलाफ आवाज उठाने की अपील की।
साइबर सुरक्षा के विषय पर छात्रों को डिजिटल दुनिया के खतरों से सतर्क करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, और न ही अपना पासवर्ड या ओटीपी किसी के साथ साझा करें। उन्होंने बताया कि जागरूकता ही साइबर अपराधों से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
कार्यक्रम में नशा मुक्ति पर भी गहन चर्चा की गई। थाना प्रभारी ने कहा कि नशा न केवल व्यक्ति विशेष, बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे स्वयं नशे से दूर रहें और दूसरों को भी इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करें।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकगण, कार्यक्रम में उपस्थित पुलिस पदाधिकारियों के साथ विद्यार्थियों को जागरूकता फैलाने का संदेश देते नजर आए। उन्होंने पुलिस विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में सामाजिक जिम्मेदारी और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित होती है।
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी अपनी जिज्ञासाएं साझा कीं और सवाल पूछकर अपनी सक्रिय भागीदारी दिखाई। यह स्पष्ट हुआ कि युवा वर्ग इन मुद्दों को गंभीरता से समझने और समाज में बदलाव लाने को तत्पर है।
यह कार्यक्रम पुलिस और विद्यालय के संयुक्त प्रयास का बेहतरीन उदाहरण रहा, जिसमें विद्यार्थियों को सुरक्षा, जागरूकता और नैतिक जिम्मेदारी के प्रति सजग किया गया। समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए ऐसे प्रयास निरंतर जारी रहने चाहिए।