
अनूप कुमार गुप्ता,
गढ़वा। सदर एसडीएम संजय कुमार ने दुलदुलवा मध्य विद्यालय का औचक निरीक्षण गुरुवार को किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति, ड्रॉप आउट की स्थिति, आधारभूत साधनों की उपलब्धता आदि के बारे में जानकारी ली। प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों को शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में ईमानदारी से काम करने और नियमित कक्षायें चलाने का आदेश दिया।
नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया
सदर एसडीएम संजय कुमार के साथ प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी श्रीमती रंभा चौबे और विद्यालय के शिक्षक मौजूद थे। इस दौरान एसडीएम ने कक्षा आठवीं और कक्षा सातवीं के बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाते हुए अच्छा नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया।
बच्चों से निबंध लिखवाया गया
संजय कुमार ने कक्षा आठवीं और सातवीं के बच्चों को एक साथ बैठकर “शराब के दुष्प्रभाव” विषय पर निबंध लिखने को कहा गया। सभी बच्चों ने 100 शब्दों के अंदर शराब और अन्य नशे के दुष्प्रभावों के बारे में लिखा। सर्वश्रेष्ठ दो निबंधों को नकद राशि देकर एसडीम ने बच्चों को पुरस्कृत किया।
तात्कालिक रूप से बुला लिया
एसडीएम की इस विजट में लगभग 70% बच्चे अनुपस्थित पाए गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार विद्यालय में 350 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं, किंतु मौके पर 100 छात्र-छात्राएं उपस्थित मिले। इनमें से ज्यादातर छात्र-छात्राओं को एसडीएम के भ्रमण के मददेनजर गांव से तात्कालिक रूप से बुला लिया गया था। शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे बच्चों के पठन पाठन में गुणवत्तापूर्ण योगदान दें, ताकि बच्चे कम से कम अनुपस्थित रहें।
बच्चों के साथ भोजन किया
निरीक्षण के थोड़ी देर ही बाद ही मिड डे मील का समय हो गया था। मिड डे मील की गुणवत्ता जचने के उद्देश्य से एसडीएम ने सभी बच्चों के साथ खुद भी भोजन किया। भोजन की गुणवत्ता से उन्होंने संतुष्टि व्यक्ति की।
बच्चों को वितरित किए गए बैग
मौजूद सभी बच्चों को स्कूली बैग प्रदान किए गए, जिसे एसडीएम और श्रीमती रम्भा चौबे ने संयुक्त रूप से अपने हाथों से प्रदान किया। एसडीएम में कहा कि सभी बच्चों के खातों में नियमानुसार ड्रेस की राशि ससमय हस्तांतरित करना सुनिश्चित करेंगे। साइकिल वितरण एवं छात्रवृत्ति आदि के बारे में भी ससमय कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मौके पर ये भी मौजूद थे
इस दौरान प्रधानाध्यापक के अलावा पूनम , अनिल कुमार तिवारी, आर्यन कुमार, अखिलेश्वर पाठक, बलराम पाठक, सुरेंद्र राम, श्रवण कुमार, मूर्ति कश्यप आदि शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे।