बॉलीवुड और साउथ सिनेमा में अपनी खूबसूरती और दमदार अभिनय से दशकों तक राज करने वाली वैजयंतीमाला को भला कौन नहीं जानता? उन्होंने अपने दौर में कई सुपरहिट फिल्में दीं और इंडस्ट्री में एक लंबी पारी खेली। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी तरह ही उनके बेटे ने भी फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। हालांकि, मां की तरह कामयाबी हासिल करने के बजाय, उन्होंने सिर्फ 4 फिल्मों के बाद ही इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया।
वैजयंतीमाला: सिनेमा की अद्वितीय नायिका
वैजयंतीमाला का नाम हिंदी और साउथ सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित अभिनेत्रियों में शुमार है। उन्होंने ‘नागिन’, ‘मधुमति’, ‘संगम’, ‘गंगा जमुना’, ‘ज्वेल थीफ’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में अपने अभिनय का जलवा बिखेरा। उनकी अदाकारी, नृत्य कौशल और शानदार व्यक्तित्व ने उन्हें हिंदी सिनेमा की एक अमर अभिनेत्री बना दिया।
वैजयंतीमाला ने अपने करियर के शिखर पर पहुंचने के बाद डॉ. चमनलाल बाली से शादी कर ली और फिल्मों से दूरी बना ली। उनकी निजी जिंदगी जितनी सफल रही, उतनी ही दिलचस्प उनकी संतान की कहानी भी है।
बेटे ने भी किया फिल्मी दुनिया में प्रवेश
वैजयंतीमाला के बेटे भावानिल बाली ने भी अपनी मां के नक्शे कदम पर चलते हुए फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। उन्होंने 90 के दशक में कुछ फिल्मों में काम किया, लेकिन वह अपनी मां की तरह दर्शकों को प्रभावित करने में असफल रहे।
भावानिल ने तमिल और हिंदी दोनों फिल्म इंडस्ट्री में हाथ आजमाया, लेकिन वह अपनी पहचान नहीं बना सके। उन्होंने कुछ फिल्मों में अभिनय किया, लेकिन वह दर्शकों को आकर्षित करने में नाकाम रहे।
सिर्फ 4 फिल्मों के बाद एक्टिंग को कहा अलविदा
भावानिल बाली ने मात्र 4 फिल्मों में काम किया और फिर इंडस्ट्री छोड़ दी। वे न तो हिंदी सिनेमा में अपनी मां जैसी सफलता पा सके और न ही साउथ सिनेमा में कोई खास पहचान बना सके।
इस असफलता के बाद उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से पूरी तरह से दूरी बना ली और किसी अन्य क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
फिल्मी दुनिया छोड़कर चुना दूसरा रास्ता
भावानिल बाली ने एक्टिंग छोड़ने के बाद अपने पारिवारिक बिजनेस और अन्य क्षेत्रों में ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने खुद को लाइमलाइट से दूर कर लिया और किसी भी फिल्म या ग्लैमर इंडस्ट्री के इवेंट्स में कम ही नजर आए।
मां-बेटे के करियर में बड़ा अंतर
- जहां वैजयंतीमाला ने सिनेमा में एक लंबी और सफल पारी खेली, वहीं उनके बेटे भावानिल बाली को दर्शकों का प्यार नहीं मिला।
- वैजयंतीमाला ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीते, जबकि उनके बेटे का फिल्मी सफर महज कुछ फिल्मों तक ही सीमित रहा।
- वैजयंतीमाला आज भी सिनेप्रेमियों के दिलों में बसी हुई हैं, जबकि उनके बेटे का नाम बहुत कम लोग जानते हैं।
क्या वजह थी भावानिल बाली की असफलता?
भावानिल बाली की फिल्मों को दर्शकों ने स्वीकार क्यों नहीं किया, इसके कई कारण हो सकते हैं:
- मजबूत स्क्रिप्ट और किरदारों की कमी – उन्हें अच्छी फिल्मों में मौके नहीं मिले।
- प्रतिस्पर्धा का दौर – जब उन्होंने करियर शुरू किया, तब फिल्म इंडस्ट्री में पहले से ही कई स्थापित अभिनेता थे।
- फिल्मों में रुचि की कमी – संभव है कि वे खुद भी फिल्मों में ज्यादा दिलचस्पी नहीं रखते थे।
- अपेक्षाओं का दबाव – एक सुपरस्टार मां का बेटा होने के कारण उन पर बड़ी उम्मीदें थीं, जो पूरी नहीं हो सकीं।
वैजयंतीमाला ने दी थी ये सलाह
कहा जाता है कि वैजयंतीमाला खुद नहीं चाहती थीं कि उनका बेटा फिल्म इंडस्ट्री में आए। उन्हें इस बात का अंदाजा था कि इंडस्ट्री में सफल होना आसान नहीं होता, खासकर तब जब आपके पास जुनून और मेहनत का सही संतुलन न हो।
भावानिल बाली आज कहां हैं?
भावानिल बाली अब ग्लैमर और फिल्मी दुनिया से पूरी तरह दूर हैं। वह अपने परिवार और व्यवसाय में व्यस्त हैं। उनकी मां, वैजयंतीमाला, भी अब सार्वजनिक कार्यक्रमों में बहुत कम नजर आती हैं।
वैजयंतीमाला जहां भारतीय सिनेमा के स्वर्णिम इतिहास का हिस्सा बनीं, वहीं उनके बेटे भावानिल बाली का फिल्मी करियर असफल रहा। उनकी यह कहानी यह दर्शाती है कि स्टार किड्स के लिए भी सफलता की कोई गारंटी नहीं होती। इंडस्ट्री में टिके रहने के लिए सिर्फ नाम नहीं, बल्कि प्रतिभा, मेहनत और सही अवसरों की भी जरूरत होती है।
हालांकि, वैजयंतीमाला की विरासत आज भी भारतीय सिनेमा में अमर है, और उनकी फिल्में हमेशा दर्शकों के दिलों में जिंदा रहेंगी।