
रिपोर्ट: अनूप कुमार गुप्ता,
गढ़वा:- जिले के कांडी बस स्टैंड के पास स्थित केयर अल्ट्रासाउंड सेंटर को सदर एसडीएम संजय कुमार ने रविवार को मौके पर सील कर दिया। यह कार्रवाई क्षेत्र भ्रमण के दौरान की गई जब उन्हें अल्ट्रासाउंड केंद्र के संचालन पर संदेह हुआ। संदेह की पुष्टि के बाद पाया गया कि केंद्र में अल्ट्रासाउंड की जांच बिना किसी वैध चिकित्सा योग्यता वाले टेक्नीशियन द्वारा की जा रही थी।
एसडीएम संजय कुमार डुमरसोता क्षेत्र का निरीक्षण कर रहे थे, जब उनकी नजर इस केंद्र के बोर्ड पर पड़ी। शक के आधार पर जब उन्होंने अंदर जाकर जांच की, तो देखा कि अल्ट्रासाउंड कर रहा युवक सिर्फ 12वीं पास है और वर्तमान में बीए की पढ़ाई कर रहा है। उसके पास न तो कोई मेडिकल डिग्री है, न डिप्लोमा, न ही कोई अधिकृत अल्ट्रासाउंड तकनीकी प्रमाण पत्र। पूछताछ में युवक ने बताया कि वह बिहार का निवासी है और इस केंद्र में 30 हजार रुपए मासिक वेतन पर कार्यरत है।

जब एसडीएम ने जांच केंद्र के संचालक से संपर्क कर उन्हें बुलाने की कोशिश की, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से आने से इनकार कर दिया। संचालक की पहचान मझिआंव निवासी रजनीकांत वर्मा के रूप में हुई है।
इसी दौरान एक गर्भवती महिला अपने पति के साथ अल्ट्रासाउंड कराने केंद्र पर पहुँची। एसडीएम बाहर ही रुककर यह देखने लगे कि क्या महिला का अल्ट्रासाउंड वास्तव में होता है या नहीं। कुछ समय बाद जब महिला बाहर आई, तो उसने पुष्टि की कि अल्ट्रासाउंड जांच इसी बिना डिग्री वाले युवक ने की है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि महिला बिना डॉक्टर की सलाह के स्वतः केंद्र पर जांच कराने आई थी।
टेक्नीशियन ने खुलासा किया कि डॉक्टर इस केंद्र पर कभी नहीं आतीं और वह स्वयं ही सारी जांच करता है। यह जानकारी सुनकर एसडीएम ने तत्क्षण ही गढ़वा सिविल सर्जन को फोन पर सम्पूर्ण जानकारी दी। सिविल सर्जन की अनुमति और निर्देश पर केंद्र को मौके पर ही सील कर दिया गया।
सीलिंग की कार्रवाई के समय कांडी थाना की महिला सब-इंस्पेक्टर जूली टुडू सहित पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। एसडीएम संजय कुमार ने बताया कि इस केंद्र के खिलाफ नियमित प्रक्रिया के तहत रिपोर्ट तैयार कर सिविल सर्जन को अग्रेतर कार्रवाई के लिए भेजी जा रही है।
साथ ही, उन्होंने अनुमंडल क्षेत्र के सभी अल्ट्रासाउंड केंद्रों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वे प्रेसक्राइब्ड मानकों का पालन करें, अन्यथा केंद्र सील करने और एफआईआर दर्ज करने जैसी कठोर कार्रवाई की जाएगी।