
सात दिवसीय ज्ञान यज्ञ में जुटे श्रद्धालु, वृंदावन से आई साध्वी पूजा ब्रज किशोरी करेंगी प्रवचन
बरहरवा (तालझारी):
तालझारी प्रखंड के दुधकोल गांव में बुधवार को एक भव्य कलश शोभायात्रा के साथ सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ विधिवत रूप से हुआ।
इस धार्मिक आयोजन की शुरुआत वृंदावन से आईं प्रसिद्ध कथावाचिका साध्वी पूजा ब्रज किशोरी के सान्निध्य में मंत्रोच्चार और वैदिक रीति-रिवाज के साथ की गई। कार्यक्रम के पहले दिन श्रद्धा और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब 551 कुंवारी कन्याओं और महिलाओं ने कलश यात्रा में भाग लिया।
कलश शोभायात्रा की शुरुआत तालझारी के मंगलहाट गंगा घाट से हुई, जहाँ वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा जल से कलश को भरा। इसके बाद कलश यात्रा इंग्लिश, सग्रमपुर, मखानी, लालमाटी, बेलदारचक, तालझारी होते हुए मुख्य कथास्थल दुधकोल गांव स्थित महुआ बगान परिसर में संपन्न हुई। पूरे मार्ग में जय श्रीराम, जय श्रीराधे, जय श्रीकृष्ण के जयकारों से वातावरण गूंज उठा और पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया।
यात्रा में ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी संख्या में महिलाएं और कन्याएं पारंपरिक परिधान में कलश सिर पर धारण कर चलती नजर आईं। इस दौरान धार्मिक भजनों की मधुर स्वर लहरियों और ढोल-नगाड़ों की धुन से वातावरण और भी पावन हो गया। रास्ते भर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया।
कार्यक्रम के आयोजकों ने जानकारी दी कि यह सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा 16 अप्रैल से 22 अप्रैल तक आयोजित की जाएगी। प्रतिदिन शाम 7 बजे से वृंदावन धाम से पधारीं कथावाचिका साध्वी पूजा ब्रज किशोरी जी अमृतमयी श्रीमद्भागवत कथा का प्रवचन करेंगी। उनके मधुर वाणी से श्रीकृष्ण लीला, भक्ति मार्ग, जीवन में धर्म का महत्व आदि विषयों पर व्याख्यान होगा।
साध्वी पूजा ब्रज किशोरी ने पहले दिन की कथा में भागवत महापुराण की महिमा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भागवत श्रवण से मानव जीवन को दिशा मिलती है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को जानना और समझना केवल एक धार्मिक कार्य नहीं, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि और मोक्ष की ओर बढ़ने का मार्ग है।
कथास्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया है, जिसमें रंग-बिरंगे पताकाएं, फूलों की मालाएं और भक्ति से ओत-प्रोत झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। आयोजन स्थल पर पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
इस धार्मिक आयोजन को सफल बनाने में दुधकोल गांव के स्थानीय लोगों और समिति के सदस्यों की विशेष भूमिका रही है। आयोजन समिति में दुर्गा किस्कू, कपुरचंद तुरी, लखन पंडित, दिनेश पंडित, पप्पू पंडित, सुबोल पंडित, चंदन ठाकुर, राजाराम ठाकुर, बलराम पंडित समेत दर्जनों ग्रामीण और समाजसेवी सक्रिय रूप से जुटे हुए हैं। उन्होंने श्रद्धालुओं के स्वागत और व्यवस्था की जिम्मेदारी बखूबी संभाल रखी है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह का धार्मिक आयोजन क्षेत्र में सामाजिक एकता, धार्मिक चेतना और आपसी भाईचारे को मजबूत करता है। बच्चे, बुजुर्ग और युवा वर्ग सभी इस आयोजन में उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।
आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें हर दिन सैकड़ों लोग प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। कार्यक्रम में दूर-दराज से भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, जिससे क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन की भावना को भी बल मिल रहा है।
सप्ताहभर चलने वाले इस भागवत कथा आयोजन के अंतिम दिन हवन-पूजन और भव्य भंडारा के साथ इसका समापन किया जाएगा। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कथा श्रवण करने और पुण्य लाभ प्राप्त करने की अपील की है।