
लातेहार, झारखंड: झारखंड जन संघर्ष जन मुक्ति मोर्चा (JJSJMM) के कथित सुप्रीमो किशोर नायक उर्फ अभय की सोमवार की देर रात लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र के बारी पंचायत में पिटाई के कारण मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब नायक अपने साथियों के साथ एक ईंट भठ्ठा में रंगदारी वसूलने पहुंचा था। जानकारी के अनुसार, ईंट भठ्ठा के मजदूरों और स्थानीय ग्रामीणों ने नायक पर हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बाद में उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि किशोर नायक की मौत अस्पताल में हुई और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि उसकी मौत की वजह क्या रही। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इस मामले में पुलिस अपनी जांच जारी रखे हुए है।
बताया जा रहा है कि किशोर नायक उर्फ अभय लोगों को डराकर और धमकाकर लेवी वसूलता था। वह अपनी संगठन की ताकत का हवाला देते हुए स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों से पैसों की उगाही करता था। वह अक्सर बंदूक की नोक पर अपनी मांगें पूरी करवाता था और अपने आपको झारखंड जन संघर्ष जन मुक्ति मोर्चा का सुप्रीमो बताता था। इसके चलते जिले के कई थाना क्षेत्रों में उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं और पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी।
रंगदारी वसूलने के इस तरीके ने कई बार स्थानीय लोगों को परेशान किया था, और यही वजह है कि जब किशोर नायक ईंट भठ्ठा में रंगदारी वसूलने पहुंचा, तो वहां के मजदूरों और ग्रामीणों ने उसका विरोध किया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पहले तो नायक को शब्दों से धमकाया गया, लेकिन बाद में स्थिति हिंसक हो गई और नायक की पिटाई की गई, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया।
किशोर नायक के खिलाफ लातेहार जिले के विभिन्न थानों में कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें मुख्य रूप से रंगदारी वसूलने, धमकी देने और अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप थे। पुलिस प्रशासन नायक की गतिविधियों पर लंबे समय से नजर बनाए हुए था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी हमेशा टलती रही।
नायक की मौत के बाद, इस घटना ने स्थानीय क्षेत्र में तूफान मचा दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने अपनी सुरक्षा के लिए ऐसा कदम उठाया था, क्योंकि उन्हें डर था कि नायक और उसके साथी कभी भी उनके खिलाफ हिंसा का सहारा ले सकते थे। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि नायक की मौत किसी बड़े साजिश का हिस्सा हो सकती है, क्योंकि उसकी गतिविधियों के कारण कई लोग उससे नाराज थे।
हालांकि पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया है, लेकिन यह मामला स्थानीय राजनीति और अपराधीकरण के बीच की जटिलताओं को उजागर करता है। घटनास्थल पर पुलिस का दल लगातार जांच कर रहा है और स्थानीय लोगों से पूछताछ की जा रही है।
किशोर नायक की मौत के बाद, अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में आगे किस दिशा में कार्रवाई करती है और क्या यह एक संगठित अपराध की घटना का हिस्सा था। पुलिस ने चेतावनी दी है कि अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।
इस घटना ने एक बार फिर से झारखंड में अपराध और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। अब स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नायक की मौत के बाद अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।