
बेंगलुरु: भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि भारतीय बैंकों ने उनसे मूल कर्ज से अधिक राशि वसूल ली है। माल्या की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ने अदालत में दलील दी कि बैंकों ने पहले ही कर्ज की वसूली कर ली है, इसके बावजूद उनके खिलाफ अतिरिक्त वसूली की कार्रवाई जारी है।
माल्या का दावा – “मुझसे जरूरत से ज्यादा वसूली की गई”
याचिका में माल्या ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) सहित कई बैंकों ने उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर उनकी संपत्तियों को जब्त किया। इसके बाद उनकी संपत्तियों की नीलामी कर कर्ज की राशि वसूली गई। लेकिन अब तक वसूली गई कुल रकम उनके मूल ऋण से कहीं अधिक हो चुकी है, बावजूद इसके बैंक अतिरिक्त राशि वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।
बैंकों और प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर सवाल
माल्या के वकील ने तर्क दिया कि भारतीय एजेंसियां और बैंक बिना किसी वैध कारण के उनकी संपत्तियों पर कब्जा जमाए हुए हैं। उन्होंने कोर्ट से अतिरिक्त वसूली को रोकने और संपत्तियां वापस लौटाने की मांग की।
ED और बैंकों की प्रतिक्रिया
इस मामले पर अभी तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) या किसी भी बैंक ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन इससे पहले बैंकों का दावा था कि माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसे वसूलने के लिए उनकी संपत्तियों को बेचा गया था।
कैसे शुरू हुआ विजय माल्या का कर्ज विवाद?
- विजय माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को बैंकों से 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का लोन मिला था।
- 2012 में एयरलाइंस आर्थिक संकट में फंस गई और इसे बंद करना पड़ा।
- बैंकों ने माल्या को डिफॉल्टर घोषित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की।
- मार्च 2016 में माल्या भारत छोड़कर यूके भाग गए।
- भारत सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिश की, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली।
क्या कोर्ट से मिल सकता है राहत?
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि माल्या अदालत में यह साबित कर देते हैं कि उनसे पहले ही मूल कर्ज से ज्यादा वसूली हो चुकी है, तो उन्हें कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि, यह मामला बैंकों की ऑडिट रिपोर्ट और लेन-देन के सटीक आंकड़ों पर निर्भर करेगा।
अगली सुनवाई कब?
कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए जल्द ही तारीख तय करने का आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि कोर्ट माल्या की अपील पर क्या फैसला सुनाती है और क्या बैंकों को अतिरिक्त वसूली पर रोक लगाई जाएगी।
सोर्स- जागरण,