RANCHI:-मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहली बार अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हम आदिवासी हैं और आदिवासी जैसे जमीन खरीद सकते हैं उसी के तहत उन्होंने किया है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से कानून का पालन किया गया है. इसके अलावा उन्होंने आप नेता संजय सिंह की गिरफ्तारी पर भी नाराजगी जताई है. उन्होंने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि संजय सिंह की गिरफ्तारी बीजेपी की हताशा को दिखाती है.
ईडी द्वारा लगातार भेजे जा रहे समन के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहली बार अपने और अपने परिवार के ऊपर लगाए जा रहे आरोप पर मीडियाकर्मियों से चर्चा करते हुए नाराजगी जताई है. झारखंड मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि ‘मैं आदिवासी समूह से आता हूं और आदिवासी नौजवान हूं. मेरे उपर बेनामी संपत्ति का आरोप लगता है. आदिवासी संपत्ति की किस तरह खरीद बिक्री होती है यह पता होनी चाहिए. इस संपत्ति की ना खरीद होती है ना बिक्री होती है, ना बैंक मदद करता है. ऐसी संपत्ति लेकर लोग करेगा क्या.’
सीएम हेमंत सोरेन ने ईडी की नोटिस के पीछे राजनीति साजिश को वजह बताया उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग आगे आने से कैसे रोका जाए यह लगातार जारी है. मुख्यमंत्री ने लोकतंत्र की दुहाई देते हुए कहा कि प्रत्येक 5 साल पर एक बार हरेक जनता को अपना ताकत दिखाने का अवसर मिलता है. यह बहुत जल्द आने वाला है, समय किसी के लिए ठहरता नहीं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि किसी के दबाने और षडयंत्र से हम खत्म नहीं होंगे. इसलिए हर लोग विशेषकर आदिवासी, दलित पिछड़ा, अल्पसंख्यक लोगों को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर साहब ने भी इस बात को इंगित किया है कि अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए. उनको आगे आने का मार्ग प्रशस्त होना चाहिए और आज यह समाज तेजी से आगे आ रहा है. आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी और बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि उनकी बात छोड़िए कई लोग इस लाइन में हैं.
सीएम ने कहा कि हाल के वर्षों में जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग जिस तरह से हो रहा है उसके बारे में देश क्या पूरी दुनिया जानने लगी है. जातीय गणना को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस संबंध में 2021 में ही सरकार के द्वारा पहल की गई थी. मगर आप लोग जानते हैं कि किस तरह से इसे रोका गया. हमारा मानना है कि जिसकी जितनी आबादी उसकी उतनी भागीदारी हो इसी उद्देश्य के साथ आरक्षण के प्रावधान भी सरकार के द्वारा किए गए और विधानसभा से पास कराया गया.