
संवाददाता,
लातेहार :- पलामू डीआईजी वाईएस रमेश, लातेहार उपायुक्त गरिमा सिंह और पुलिस कप्तान अंजनी अंजन के समक्ष राज्य सरकार के पुनर्वास नीति नई दिशा से प्रभावित होकर शुक्रवार को दस दस लाख के दो हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाले में भाकपा माओवादी के जोनल कमांडर नीरज सिंह खेरवार उर्फ संजय खेरवार और सलमान उर्फ लोकेश उर्फ राजकुमार गंझू है, इन दोनो पर सरकार ने दस दस लाख रूपये का इनाम घोषित कर रखा था।
इस संबंध में पत्रकारों को जानकारी देते हुए पलामू डीआईजी वाईएस रमेश ने कहा कि ये दोनो नक्सली छोटू खेरवार दस्ते के सदस्य हैं और पिछले 20 वर्षों से भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े हुए थे और विभिन्न घटनाओं में इनकी संलिप्ता रही है। आज ये दोनो नक्सली राज्य सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा से जुड़ रहे है। साथ ही उन्होंने कहा कि यह लातेहार पुलिस की बड़ी सफलता है। इससे भाकपा माओवादी को बड़ा झटका लगेगा।
जिले में सीआरपीएफ, कोबरा, जिला पुलिस लगातार नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रही है। इसी का नतीजा है की अब नक्सलियों के इस क्षेत्र से पांव उखड़ रहे हैं। पुलिस के अभियान के कारण कई नक्सली या तो मारे जा रहे हैं या गिरफ्तार किए जा रहे है। मेरा उन बचे हुए नक्सलियों से अपील है जो जंगल में भटक रहे है या तो वे मुख्यधारा से जुड़ जाएं या हिंसा छोड़ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दें।इस अवसर पर उपायुक्त गरिमा सिंह ने कहा कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति बहुत अच्छी नीति है। मुख्यधारा को छोड़ जो जंगल का रास्ता अपनाए हैं उन सभी को संदेश है की वह भी जंगल के रास्ते को छोड़ मुख्यधारा से जुड़ अपने परिजनों के साथ सुख और शांतिपूर्ण जीवन व्यक्ति करें।वहीं दोनो नक्सलियों के आत्समर्पण पर एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि अब नक्सलवाद का दौर खत्म हो गया है।
यह सफलता सीआरपीएफ, कोबरा, जगुआर और लातेहार के पुलिस अधिकारियों और जवानों की है। अब जिले में कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं हैं जहां सीआरपीए, कोबरा, जगुआर या जिला पुलिस की मौजूदगी नहीं है। बचे हुए नक्सली भी अब मुख्यधारा से जुड़े जाएं।मौके पर सीआरपीएफ के कमाडेंट केडी जोशी व बीपी त्रिपाठी मुख्य रूप से मौजूद थे।