स्पोर्ट्स डेस्क, नई दिल्ली।
इसी साल अपनी कप्तानी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) को खिताब दिलाने वाले रजत पाटीदार ने घरेलू क्रिकेट में भी अपनी लीडरशिप का दमखम दिखाया है। दलीप ट्रॉफी 2025 का फाइनल जीतकर उन्होंने सेंट्रल जोन को 11 साल बाद चैंपियन बना दिया। सोमवार को खत्म हुए खिताबी मुकाबले में सेंट्रल जोन ने साउथ जोन को 6 विकेट से हराकर एक बार फिर ट्रॉफी पर कब्जा जमाया।
पांचवें दिन का रोमांच
फाइनल मैच के पांचवें और आखिरी दिन सेंट्रल जोन को जीत के लिए 65 रन चाहिए थे। यह लक्ष्य टीम ने 20.3 ओवर में चार विकेट गंवाकर हासिल कर लिया। जीत का चौका लगते ही सेंट्रल जोन के खिलाड़ियों और दर्शकों में जश्न का माहौल बन गया। कप्तान रजत पाटीदार ने इस छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम को स्थिरता दी और कप्तानी पारी खेली।
पहली पारी में साउथ जोन ढही
फाइनल की शुरुआत में टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी साउथ जोन की टीम 149 रन पर सिमट गई। पूरी टीम में कोई भी बल्लेबाज़ अर्धशतक तक नहीं पहुंच सका। सेंट्रल जोन के गेंदबाज़ों ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए मैच की दिशा वहीं से तय कर दी। कुमार कार्तिकेय ने 4 विकेट और सारांश जैन ने 5 विकेट लेकर साउथ जोन की कमर तोड़ दी। शेष एक बल्लेबाज़ रन आउट हुआ।
सेंट्रल जोन की धमाकेदार बल्लेबाज़ी
जवाब में सेंट्रल जोन की बल्लेबाज़ी लाजवाब रही। पूरी टीम ने पहली पारी में 511 रन ठोक डाले और 362 रन की विशाल बढ़त हासिल कर ली। कप्तान रजत पाटीदार ने 101 रन की जिम्मेदार पारी खेली। वहीं, यश राठौड़ ने 194 रन की शानदार पारी खेलकर मैच में सेंट्रल जोन की पकड़ मजबूत कर दी। दानिश मालेवार (53) और सारांश जैन (69) ने भी अर्धशतक लगाए।
साउथ जोन के लिए गुरजनीत सिंह और अंकित शर्मा ने 4-4 विकेट चटकाए, लेकिन टीम सेंट्रल जोन को रोकने में नाकाम रही।
दूसरी पारी में मिली चुनौती
362 रन पीछे रहने के बाद साउथ जोन ने दूसरी पारी में वापसी की कोशिश की। टीम ने 426 रन बनाए। इस दौरान अंकित शर्मा 99 रन से शतक से चूक गए, लेकिन उनकी आंद्रे सिद्धार्थ (नाबाद 84) के साथ 192 रन की साझेदारी ने टीम को मजबूती दी। स्मरण रविचंद्रन ने भी 67 रन का योगदान दिया।
हालांकि, इतने बड़े अंतर को पाटना आसान नहीं था। साउथ जोन ने केवल 64 रन की बढ़त हासिल की, जो सेंट्रल जोन के लिए महज औपचारिकता साबित हुआ।
गेंदबाज़ी का जलवा
फाइनल मैच में सेंट्रल जोन के गेंदबाज़ चमकते हुए दिखे। कुमार कार्तिकेय ने दोनों पारियों में मिलाकर 8 विकेट झटके। वहीं, सारांश जैन ने भी कुल 8 विकेट चटकाए और पहली पारी में 69 रन की अर्धशतकीय पारी खेलकर ऑलराउंड प्रदर्शन किया।
कप्तान तिलक वर्मा की कमी खली
साउथ जोन की हार का एक बड़ा कारण कप्तान तिलक वर्मा की गैरमौजूदगी भी रही। वह टूर्नामेंट शुरू होने से पहले ही एशिया कप खेलने के लिए दुबई चले गए थे। उनकी जगह टीम को मजबूत नेतृत्व और बल्लेबाज़ी का सहारा नहीं मिल सका।
11 साल बाद मिली ट्रॉफी
सेंट्रल जोन ने आखिरी बार 2014-15 में दलीप ट्रॉफी जीती थी। उस समय भी फाइनल में उन्होंने साउथ जोन को हराया था। इस बार भी इतिहास दोहराया गया और रजत पाटीदार की कप्तानी में 11 साल का सूखा समाप्त हो गया।