लातेहार। झारखंड सरकार की उग्रवादी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और झारखंड पुलिस के सतत अभियान “नई दिशा” के तहत लातेहार पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। प्रतिबंधित नक्सली संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जे.जे.एम.पी.) के शीर्ष नौ सक्रिय कमांडरों ने सोमवार को लातेहार समाहरणालय सभागार में पुलिस और केंद्रीय बलों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष सभी ने मुख्यधारा में लौटने और शांति व विकास की राह पर चलने का संकल्प लिया।
नौ कमांडरों ने डाला हथियार
आत्मसमर्पण करने वालों में जोनल कमांडर रविन्द्र यादव (₹5 लाख इनामी), सब-जोनल कमांडर मुकेश राम उर्फ कल्लू (₹5 लाख इनामी), बलदेव गंझू उर्फ अमरेश गंझू (₹5 लाख इनामी), अखिलेश यादव (₹5 लाख इनामी), पवन उर्फ रामप्रसाद महतो (₹3 लाख इनामी), एरिया कमांडर ध्रुव जी उर्फ राजू राम, विजय यादव, श्रवण सिंह उर्फ पारस और मुकेश गंझू शामिल हैं। ये सभी लंबे समय से लातेहार और आसपास के जिलों में रंगदारी वसूली, लूट, आगजनी, पुलिस मुठभेड़ और विस्फोटक लगाने जैसी घटनाओं में सक्रिय थे। इनके आत्मसमर्पण से संगठन को गहरा झटका लगा है और सुरक्षा बलों की रणनीति को बड़ी सफलता मिली है।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सम्पन्न हुई प्रक्रिया
आत्मसमर्पण समारोह में पुलिस महानिरीक्षक (सी.आर.पी.एफ.) साकेत कुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) माइकल राज एस., पुलिस महानिरीक्षक (पलामू प्रक्षेत्र) सुनील भास्कर, पुलिस उप-महानिरीक्षक (पलामू प्रक्षेत्र) नौशाद आलम, पुलिस उप-महानिरीक्षक (एस.एस.बी., गया) मानवेन्द्र, लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव सहित सी.आर.पी.एफ. की 11वीं, 32वीं व 35वीं बटालियन तथा सशस्त्र सीमा बल के अधिकारी मौजूद रहे। आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को गुलदस्ता एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
पुनर्वास नीति का लाभ मिलेगा
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति (2018) के तहत आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को सम्मानजनक जीवन, वैकल्पिक रोजगार, चार डिस्मील जमीन, आवास योजना में प्राथमिकता, बच्चों की शिक्षा हेतु प्रति वर्ष ₹40,000 की सहायता, मुफ्त चिकित्सा सुविधा, विवाह में सहयोग और दर्ज मामलों में कानूनी मदद दी जाती है। आत्मसमर्पण के बाद उन्हें सपरिवार सुरक्षित ओपन जेल (हजारीबाग) में रहने की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।
हालिया अभियानों में मिली बड़ी सफलताएँ
लातेहार जिला, जो कभी नक्सल प्रभावित इलाकों में गिना जाता था, अब पुलिस, केंद्रीय बल और जनता के सहयोग से तेजी से शांति और विकास की ओर बढ़ रहा है। वर्ष 2025 में लातेहार पुलिस को नक्सल अभियान में कई बड़ी कामयाबियाँ मिली हैं।
- 24 मई 2025 को ईचाबार गाँव में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में जे.जे.एम.पी. का सुप्रीमो पप्पू लोहरा (₹10 लाख इनामी) और सब-जोनल कमांडर सुदेश गंझू (₹5 लाख इनामी) मारे गए।
- 26 मई 2025 को नेतरहाट में पुलिस और भाकपा (माओवादी) के बीच मुठभेड़ में सब-जोनल कमांडर मनीष यादव (₹5 लाख इनामी) मारा गया तथा जोनल कमांडर कुंदन जी (₹10 लाख इनामी) गिरफ्तार हुआ।
जनवरी 2025 से अब तक संयुक्त अभियान में 75 उग्रवादियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें कई बड़े नाम शामिल हैं। इस अवधि में पुलिस ने 2 X-95 राइफल, 5 पुलिस हथियार, 4 रेगुलर हथियार, 11 देशी हथियार, 9 केन बम, 2161 जिंदा कारतूस और ₹8.25 लाख नक्सली लेवी बरामद की है।
जनसंपर्क और विश्वास की रणनीति
लातेहार पुलिस और केंद्रीय बल लगातार गाँव-गाँव जाकर प्रचार-प्रसार, जनसभाएँ, स्वास्थ्य शिविर, खेलकूद प्रतियोगिताएँ और शैक्षणिक सामग्री वितरण कर रहे हैं। इसका मकसद है कि भटके हुए युवाओं को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया जा सके। ग्रामीणों के साथ बढ़ते इस विश्वास ने भी आत्मसमर्पण को प्रोत्साहन दिया है।
पुलिस अधीक्षक का संदेश
लातेहार पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने कहा कि ऐसे आत्मसमर्पण न केवल उग्रवाद की कमर तोड़ते हैं, बल्कि ग्रामीण इलाकों में विकास की गति भी तेज करते हैं। उन्होंने शेष उग्रवादियों से भी अपील की कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास की राह अपनाएँ और आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ें।
कुल मिलाकर, नौ शीर्ष नक्सली कमांडरों का आत्मसमर्पण झारखंड पुलिस की बड़ी उपलब्धि है, जिससे जे.जे.एम.पी. संगठन को गहरा धक्का पहुँचा है। यह कदम न केवल राज्य में स्थायी शांति और विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि सरकार और सुरक्षा बलों की रणनीति की भी जीत माना जा रहा है।