
मांडर : नारकोपो थाना स्थित मंदरो के रहने वाले मुस्ताक अंसारी की 10 वर्षीय बेटी माहिरा मुस्ताक ने पूरे 30 दिन रोजा रख कर मिशाल कायम पेस की है। माहिरा ने रमजान शरीफ का रोजा रख कर भीषण गर्मी में लगभग 13 से 14 घंटे का रोजा रख भूख और प्यास को बर्दाश्त कर रोजा रख रही थी।
माह-ए-रमजान में छोटे बच्चे भी रोजा रख इबादत कर रहे थे। रब को राजी करने में नन्हे बच्चे भी पीछे नहीं थे।
पाक मुकद्दस माह-ए-रमजान में बड़े ही नहीं बल्कि छोटे बच्चे भी रोजा रखकर इबादत में मशगूल थे।
कई बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने इस साल पहला रोजा रखा तो कई पिछले दो साल से रोजा रख रहे हैं। करीब 13 ,14 घंटे से अधिक रोजे से भूखे-प्यासे रहकर पांचों वक्त रब की बारगाह में सजदा कर दुआ मांग रहे थे।
बच्चों का जज्बा और सब्र देखकर बड़े भी उनके कायल हो रहे थे। माह-ए-रमजान इस्लाम में 12 महीनों में सबसे खास माना जाता है। इसमें हर बालिग के ऊपर रोजा रखना फर्ज होता है, लेकिन छोटे बच्चे भी रब को राजी करने के लिए पीछे नहीं थे। वह भी पूरी कसरत के साथ इबादत में जुटे थे और रोजे रख रहे थे।