
संवाददाता: अनुज तिवारी,
मेदिनीनगर सदर प्रखंड क्षेत्र के लहलहे और आसपास के इलाकों में बालू खनन पर प्रतिबंध के बावजूद, बालू माफियाओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के कई ट्रैक्टर मालिक खुलेआम औरंगा नदी से प्रतिदिन 30 से अधिक ट्रैक्टरों से बालू उठाव कर रहे हैं। यह अवैध कारोबार प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर कौन इन ट्रैक्टर मालिकों को संरक्षण दे रहा है, जिससे उनका मनोबल इतना बढ़ा हुआ है कि वे नियमों की धज्जियां उड़ाने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं।
प्रशासनिक आदेशों को दिखा रहे ठेंगा,
हाल ही में संबंधित अधिकारियों ने एक बैठक आयोजित कर स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी स्थिति में प्रतिबंधित बालू खनन नहीं होने दिया जाएगा। अधिकारियों ने सख्ती से आदेश दिया था कि अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बावजूद इसके, दिन के उजाले में खुलेआम ट्रैक्टरों द्वारा बालू उठाया जा रहा है। यह दर्शाता है कि प्रशासन के आदेशों का कोई खास असर नहीं हो रहा है या फिर प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही के कारण अवैध खनन बेरोकटोक जारी है।
ट्रैक्टर मालिकों का बढ़ता दुस्साहस
इस मामले की जानकारी लेने के लिए जब पत्रकार ने एक ट्रैक्टर मालिक से बात करने की कोशिश की, तो वह अपनी गाड़ी लेकर तेजी से भाग निकला। इससे साफ जाहिर होता है कि बालू खनन में लिप्त लोग अब न केवल कानून की अवहेलना कर रहे हैं, बल्कि मीडिया से भी बचने की कोशिश कर रहे हैं। अगर इस पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले दिनों में ये ट्रैक्टर मालिक बालू माफियाओं का रूप धारण कर सकते हैं और भविष्य में प्रशासन के लिए एक और गंभीर चुनौती खड़ी कर सकते हैं।
प्रशासन कब लेगा ठोस कदम?
इस पूरे मामले पर प्रशासन की निष्क्रियता सवालों के घेरे में है। अगर जल्द ही इन अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई गई तो न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि संगठित अपराध भी बढ़ सकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस अवैध खनन के खिलाफ कब तक ठोस कार्रवाई करता है, या फिर ट्रैक्टर मालिकों का मनोबल इसी तरह बढ़ता रहेगा।