
रांची: हिंदपीढ़ी की दो युवतियों को भगाने के आरोप में कर्नाटक से गिरफ्तार किए गए इस्माइल, जुनैद, काशिद और इमरान को सिविल कोर्ट से जमानत मिल गई है। प्रधान न्यायायुक्त की अदालत ने चारों आरोपियों को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर बेल दी। अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को दरकिनार करते हुए यह फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि रांची पुलिस ने हिंदपीढ़ी से लापता हुई युवतियों को कर्नाटक से बरामद किया था और चारों युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इस मामले में आरोपियों ने अपने इकबालिया बयान में कई अहम खुलासे किए थे।
फेसबुक पर हुई दोस्ती, प्यार में बदला रिश्ता
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि जुनैद और इस्माइल की दोस्ती अमरीना और रहनुमा से फेसबुक पर हुई थी, जो बाद में प्यार में बदल गई। इसके बाद दोनों युवक अक्सर रांची आने लगे। यह सिलसिला लगभग पांच सालों से जारी था। जुनैद और इस्माइल ने युवतियों के परिजनों से शादी का प्रस्ताव भी रखा था, लेकिन जब घरवालों ने इनकार कर दिया, तो उन्होंने भागने का फैसला किया।
युवतियों को लेकर पहुंचे कर्नाटक
आरोपियों के बयान के मुताबिक, युवतियों को भगाने के लिए सुनियोजित योजना बनाई गई थी। घर से निकलने के बाद दोनों युवतियां कंटाटोली पहुंचीं, जहां उनका सहयोगी मजहर पहले से इंतजार कर रहा था। मजहर ने उन्हें रामगढ़ तक पहुंचाया, जहां से जुनैद और इस्माइल दोनों को ट्रेन से लेकर कर्नाटक निकल गए।
रास्ते में युवतियों ने अपने पिता को फोन कर अपहरण की झूठी कहानी बताई और फिर अपना मोबाइल सिकीदरी घाटी में तोड़ दिया ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस न हो सके।
आधार कार्ड में छेड़छाड़ कर लिया किराये का मकान
कर्नाटक पहुंचने के बाद युवतियों ने अपने नाम और पिता के नाम में हेरफेर कर फर्जी आधार कार्ड तैयार कराए। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि रहनुमा ने अपने पिता के नाम की जगह मोहम्मद इस्माइल और अमरीना ने जुनैद आलम दर्ज करवाया। इसी फर्जी पहचान के आधार पर उन्होंने वहां किराए का मकान लिया।
राज्य सरकार के मंत्री ने लिया था संज्ञान
युवतियों के लापता होने की घटना राज्य में चर्चा का विषय बन गई थी। इस मामले में हिंदपीढ़ी थाना में कांड संख्या 2/2025 दर्ज की गई। युवतियों के परिवार से मिलने के लिए राज्य सरकार के मंत्री भी पहुंचे थे। इसके बाद पुलिस ने कर्नाटक जाकर युवतियों को बरामद किया और चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया।
अब सिविल कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए चारों आरोपियों को जमानत दे दी है, जिससे यह मामला फिर से चर्चा में आ गया है।