
रांची के हिंदपीढ़ी इलाके से 11 जनवरी को अचानक गायब हुई दो सगी बहनों का मामला कुछ ही दिनों में एक नई दिशा में मोड़ ले लिया है। पहले यह मामला अपहरण के रूप में सामने आया था, लेकिन राँची पुलिस ने गहन जांच के बाद पता लगाया कि दोनों लड़कियां खुद अपने प्रेमियों के साथ भागी थीं। कर्नाटक और केरल बॉर्डर के पास इन दोनों को कर्नाटक पुलिस की मदद से सकुशल बरामद किया गया और अब वे सुरक्षित हैं। इस घटनाक्रम ने ना केवल राँची बल्कि पूरे राज्य में हलचल मचा दी थी और यह खबर धीरे-धीरे सुर्खियों में आ गई।
गायब होने की शुरुआत:
हिंदपीढ़ी की दो सगी बहनें 11 जनवरी की शाम को घर से गायब हो गईं। उनके परिवार वालों ने पहले तो यह आशंका जताई कि शायद उनका अपहरण हुआ है। इसके बाद परिजनों ने राँची के हिंदपीढ़ी थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें अज्ञात ऑटो चालकों पर आरोप लगाए गए थे। पुलिस को इस मामले की गंभीरता को समझते हुए सख्ती से कार्रवाई करने का आदेश मिला। राँची पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश शुरू की और एक स्पेशल टीम का गठन किया, जिसमें आईजी राँची के नेतृत्व में सिटी एसपी राज कुमार मेहता और कोतवाली डीएसपी प्रकाश सोय शामिल थे।
पुलिस की कार्रवाई:
राज कुमार मेहता के नेतृत्व में पुलिस टीम ने मामले की जांच शुरू की और इसके लिए तकनीकी सेल का भी सहारा लिया। तीन दिनों तक विभिन्न राज्यों में छापेमारी की गई, जिसमें झारखंड के कई जिले और अन्य राज्यों में पुलिस ने सक्रिय रूप से काम किया। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, पुलिस को यह जानकारी मिली कि दोनों लड़कियां कर्नाटक में हो सकती हैं। इसके बाद कर्नाटक पुलिस की मदद से राँची पुलिस ने दोनों लड़कियों को कर्नाटक-केरल बॉर्डर से बरामद कर लिया।
असलियत सामने आई:
पुलिस द्वारा बरामद किए जाने के बाद, दोनों बहनों ने यह खुलासा किया कि वे खुद अपने प्रेमी के साथ राँची से भागी थीं। दोनों लड़कियां शादी के उद्देश्य से अपने प्रेमियों के साथ चली गई थीं। मामले में अपहरण की जो कहानी सामने आई थी, वह पूरी तरह से झूठी निकली। दरअसल, यह एक प्रेम प्रसंग था और दोनों ने अपनी मर्जी से यह कदम उठाया था। पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि दोनों लड़कियों का अपहरण नहीं हुआ था और इस मामले में कोई अपराध नहीं था।
गिरफ्तारी और जांच:
इस मामले में पुलिस ने अब तक आधा दर्जन से अधिक युवकों को हिरासत में लिया है, जो इस मामले में संदिग्ध हैं। पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि वायरल हुआ अपहरण का ऑडियो पूरी तरह से फर्जी था। इस ऑडियो को मामले को जटिल बनाने के लिए फैलाया गया था। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया:
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान, रांची में इसे लेकर काफी हलचल मच गई थी। शहर के लोगों में यह बात फैल गई थी कि दो लड़कियां रहस्यमय तरीके से गायब हो गई हैं और अपहरण का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर मीडिया ने भी कई दिनों तक खबरें प्रकाशित कीं। इस दौरान राज्य सरकार के मंत्री इरफान अंसारी भी घटनास्थल पर पहुंचे और लड़कियों के परिजनों से मुलाकात की, ताकि उन्हें सांत्वना दी जा सके और मामले के समाधान की दिशा में पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा जताया जा सके।
पुलिस की कार्यवाही और भूमिका:
राँची पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और यह सुनिश्चित किया कि कोई भी निर्दोष न फंसे और अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पुलिस के अनुसार, इस पूरी कार्रवाई में तकनीकी सेल की मदद से पुलिस को त्वरित जानकारी मिली और उस जानकारी के आधार पर कर्नाटक पुलिस की सहायता से दोनों लड़कियों को बरामद किया गया। यह पूरी घटना पुलिस की तत्परता और उनके द्वारा किए गए प्रभावी काम का उदाहरण है।
आगे की स्थिति:
अब राँची पुलिस द्वारा दोनों लड़कियों को सकुशल बरामद किया गया है और वे पुलिस के साथ राँची लौट रही हैं। सूत्रों के अनुसार, राँची पुलिस जल्द ही इस मामले में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर सकती है, जिसमें पूरे घटनाक्रम का विस्तार से खुलासा किया जाएगा। यह घटनाक्रम न केवल राँची पुलिस की मेहनत का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किसी भी मामले को हल करने के लिए पुलिस को हर पहलू पर गहरी नजर रखनी होती है।
अंततः, इस घटना ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी बाहरी दिखावट के आधार पर किसी मामले की गहरी पड़ताल की जानी चाहिए, ताकि सच सामने आ सके और गलतफहमियों का समाधान किया जा सके। राँची पुलिस की तेज कार्यवाही और कर्नाटक पुलिस की सहायता से दोनों लड़कियों को सुरक्षित बरामद किया गया, जिससे पूरे मामले का सत्य सामने आया।