रांची। कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बाद रविवार को नई सरकार के गठन और इस क्रम में विधायक दल के नेता और मंत्रिमंडल में मंत्री पद को लेकर चर्चा हुई। बैठक में पाकुड़ की विधायक निशत आलम (आलमगीर आलम की पत्नी) और रामगढ़ की विधायक ममता देवी नहीं पहुंच सकी थीं।
बाद में दोनों विधायक राजभवन जाने के क्रम में कांग्रेस विधायकों की टोली के साथ जुड़े। विधायक दल की बैठक में दल के नेता के लिए आलाकमान को अधिकृत करने का निर्णय लिया गया है। अटकलों के अनुसार आदिवासी को ही विधायक दल का नेतृत्व सौंपा जाएगा।सबसे सीनियर नेता डॉ. रामेश्वर उरांव का नाम आगे आ रहा है।
प्रदीप यादव को लेकर भी अटकलें लगाई जा रही हैं लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के पिछड़ा वर्ग के होने के कारण यह संभव नहीं है। एक वर्ग से एक ही व्यक्ति को कोई महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा।मंत्रिमंडल को लेकर कांग्रेस में स्पष्ट तौर पर संदेश है कि एक प्रमंडल से एक ही मंत्री होगा। एसटी, ओबीसी, सामान्य और महिला वर्ग से मंत्री बनाए जाएंगे। अभी तक की अटकलों के अनुसार पार्टी के पास वही पुराने विभाग मौजूद रहेंगे।
कैबिनेट में डॉ. रामेश्वर उरांव और डॉ. इरफान अंसारी के नाम को लेकर कोई संशय नहीं है। पिछड़ा वर्ग से प्रदीप यादव का नाम सामने आ रहा है। प्रदीप यादव के पास छह बार विधानसभा पहुंचने का व्यापक अनुभव है।इसके अलावा सामान्य वर्ग एवं महिला कोटे से पिछली कैबिनेट में कृषि मंत्री रहीं दीपिका पांडेय सिंह का नाम भी अहम है।
इन्हें एक बार फिर मौका मिल सकता है। सामान्य वर्ग से बेरमो के विधायक अनूप सिंह के नाम की भी चर्चा हो रही है।विधायक दल की बैठक में 16 में 14 विधायकों की मौजूदगी रही।
कांग्रेस विधायक दल के नेता को लेकर प्रस्ताव पारित हुआ है कि पार्टी हाईकमान ही इस पर निर्णय लेंगे। सभी विधायकों के बारे में आलाकमान को जानकारी है। इन्हीं के बीच से किसी का चयन किया जाएगा। मंत्रिमंडल को लेकर बड़े साझीदार के साथ बैठक कर निर्णय लेंगे।-गुलाम अहमद मीर, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी, झारखंड