पत्रिका का रजत जयंती समारोह तुलसी भवन में आयोजित
दीपक कुमार

जमशेदपुर:- जी हां , राष्ट्र संवाद पत्रिका के रजत जयंती समारोह के मौके पर अतिथियों के स्वागत का अंदाज काबिले तारीफ रहा। अतिथि देवो भव: । यह कथनी तक ही सीमित नहीं रहा , बल्कि पत्रिका के संपादक देवानंद ने आगंतुक अतिथियों पर स्वयं अपने हाथों से पुष्प वर्षा कर जिस आत्मीयता का परिचय दिया उससे हर कोई अभिभूत हुआ। हालांकि आयोजन में थोड़ी बहुत त्रुटियां रही होगी , इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन यदि उसे बड़े आयोजन में स्वाभाविक भूल मान लिया जाए तो कुल मिलाकर यह आयोजन सफल रहा। पत्रिका के रजत जयंती कार्यक्रम में एक ओर जहां अपने शहर के कवियों को सुंदर मंच प्रदान किया गया वहीं आगंतुक अतिथियों को जिस रूप में इज्जत बख्शा गया वह अनूठा रहा।
सांसद विद्युत वरण महतो के सम्मान में सहज , सरल और सौम्य कहकर देवानंद ने उनकी तारीफ़ की तो वहीं सांसद ने वरिष्ठ कवि शैल जी एवं कवयित्री डॉ रागिनी भूषण के कविता पाठ के दौरान स्वागत के कार्यक्रम को विराम देने की बात कहकर कवियों को जो इज्जत बक्शा उससे तुलसी भवन के सभागार में उपस्थित लोगों ने सराहा। वहीं पत्रकारिता जगत के जयप्रकाश राय , छोटकू जी , संजय मिश्र , संजीव भारद्वाज, दीपक कुमार, अन्नी अमृता , रघुवंशमणि सिंह, अरविंद कुमार , राकेश समेत दर्जन भर पत्रकारों ने कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके आलावे शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी विकास सिंह , शिवशंकर सिंह , पार्षद डॉ परितोष सिंह, अरविंद विद्रोही, अनिल ठाकुर, कन्हैया सिंह , रमेश कुमार , आनंद बिहारी दुबे , डॉ प्रसेनजित तिवारी , यमुना तिवारी व्यथित आदि कार्यक्रम की महत्ता बढ़ाये। दो सत्रों में आयोजित पत्रिका राष्ट्र संवाद के कार्यक्रम में संस्कृति, संस्कार और सम्मान का अनूठा संगम दिखा।

पत्रिका के प्रबंध समिति के धीरज सिंह , संपादक देवानंद सिंह , पत्रकार निजाम खान समेत अन्य के परिश्रम से पत्रिका राष्ट्र संवाद का रजत जयंती कार्यक्रम आगंतुक अतिथियों के दिलों पर अनुठा छाप छोड़ गया। स्वागत में शॉल एवं स्मृति चिन्ह की औपचारिकता और पुष्प वर्षा की कार्यशैली आगंतुकों को नई परिपाटी की सीख दे गया। कार्यक्रम के दौरान सूरज सिंह ने तुलसी भवन को कवियों का पार्लियामेंट करार दिया तथा पत्रकारों एवं शहर से प्रकाशित अखबारों के संपादकों से भोजपुरी का एक छोटा कॉलम सुरक्षित करने का अनुरोध किया ताकि भोजपुरी की बतकही , कविताएं, हास्य व्यंग की रचनाएं समेत भोजपुरिया माटी की सुगंध से अखबार को सुगंधित किया जा सके। कार्यक्रम में शहर के कवि डॉ रागिनी भूषण , शैलेन्द्र पांडेय शैल , सूरज सिंह , सोनी सुगंधा , संतोष चौबे , दीपक कुमार , यमुना तिवारी व्यथित , श्रीमती सिंहा आदि ने अपनी प्रस्तुति से समां बांधा।