
- सोमवार सूर्योदय को अर्घ्य देकर छठव्रतियों का महापर्व समापन
- पुलिस ने किया सुरक्षा की निगेहबानी, सभी घाटों पर पुलिस की तैनाती
चतरा:- जिले में छठ महापर्व आस्था और विश्वास के साथ सोमवार को सूर्योदय सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद समापन हो गया। सभी छठव्रतियों ने आस्था और विश्वास के साथ तन मन धन देकर सूर्यदेव को समर्पित किया। वहीं क्षेत्र और परिजन की सकुशलता की कामना किया। छठ व्रतियों ने तीन दिन उपवास रह कर अपने अपने घाटों तलाबों में जाकर सूर्यास्त सूर्यदेव और अरनिमा सूर्यदेव भगवान को आराधना करते हुए अर्घ्य दिया। वहीं जिले के सभी थाने के पुलिस कर्मियों की चाक चौकसी तथा तैनाती सभी छठ घाटों में रही। वहीं सभी छठ घाटों को खूबसूरती के साथ सजाया गया था। लोग आस्था में डूबे हुए थे।बता दें की हिन्दू धर्म में आस्था और शुध्दता का प्रतीक छठ महापर्व को माना गया है। इस त्योहार में बिल्कुल शुध्दता यानी मन शुध्द तन शुध्द और खान पान शुध्दता के साथ छठ पर्व मनाया जाता है।आस्था के पर्व में सभी तरह के फलों और कन्द मूल एवं पूजन सामग्री के साथ सूर्यदेव भगवान को चढा कर खुश करने की कोशिश की जाती है।छठ महापर्व नहाय खाय के साथ शुरुआत हो जाती है।साथ हीं इस पर्व से मन आस्था से ओतप्रोत हो जाता है। चार दिनों कि छठ महापर्व के लिए महीनों पहले से तैयारियां करना शुरू हो जाती है। पर्व को लेकर उत्साह एवं उमंग इतना होता है कि इस व्रत की कठिनाई महसूस ही नहीं हो पाती है। वैसे तो यह पर्व बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा झारखण्ड में प्रमुख रूप से मनाया जाता है।लेकिन बदलते समय के साथ दूसरे प्रदेश के लोग भी अब इस महापर्व को मनाने लगे हैं। खासकर दिल्ली और एनसीआर में देश के विभिन्न हिस्से से आए लोग एक ही घाट पर यह पर्व मनाते है।छठमहापर्व में छठ व्रतियों का
36 घंटे के करीब निर्जला उपवास रहते हैं।जो खरना के साथ शुरू होता और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद खत्म हो जाता है।