
Ranchi:-पौलूस सुरीन और नक्सली जेठा कच्छप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह सजा एमपी-एमएलए कोर्ट के जस्टिस दिनेश कुमार ने बुधवार को सुनाई है। पौलूस सुरीन, नक्सली जेठा कच्छप, कृष्णा महतो के अलावा तीन महिलाएं ट्रायल फेस कर रही थी। वहीं पीएफएलआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी इसी मामले में ट्रायल फेस कर रहे है।पूरी सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 12 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया। हत्याकांड की घटना को लेकर कर्रा थाना में कांड संख्या 27/ 2013 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
हत्याकांड मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। सात अप्रैल को कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाया था। वहीं आज कोर्ट ने सजा का ऐलान किया। सात अप्रैल की सुनवाई में तोरपा से झामुमो के पूर्व विधायक पौलुस सुरीन और नक्सली जेठा कच्छप को दोषी करार दिया गया। वहीं इस मामले में ट्रायल फेस कर रही तीन महिलाओं समेत चार को पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया है।
आइए जानते हैं पूरा क्या हैं मामला
दरअसल पूरा मामला साल 2013 का है। खूंटी-तोरपा में ठेकेदार भूषण सिंह पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया गया था। इस आरोप की पुलिस ने जांच की पर मामला फर्जी निकला। इस वजह से पुलिस ने जांच बंद कर दी। इसी मामले को लेकर तब तोरपा के तत्कालीन विधायक पौलूस सुरीन ने कर्रा में धरना दिया था।उन्होंने ठेकेदार भूषण सिंह को गिरफ्तार करने को कहा। इस बीच 27 मई 2013 को कर्रा के त्रिला गांव में ताश खेल रहे ठेकेदार भूषण सिंह और रामगोविंद सिंह पर नक्सलियों ने एके-47 से हमला कर उनकी हत्या कर दी। इस हत्याकांड में पीएलएफआई कमांडर जेठा कच्छप का नाम आया।इस हत्याकांड की जांच पुलिस ने शुरू की। नक्सली कमांडर जेठा कच्छप की गिरफ्तारी भी हुई। चार साल तक उससे पूछताछ की गई। इस दौरान 20 जून 2017 को उसने अपने बयान में बताया ठेकेदार हत्याकांड में विधायक पौलुस सुरीन का हाथ है। इसके बाद ही पौलुस के खिलाफ निचली अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। और जेल में बंद था लेकिन जेएमएम ने जेल में रहते पौलुस को अपना प्रत्याशी बनाया था। तब उन्होंने जेल में रहते चुनाव जीता था। इसके बाद फिर 2014 में जेएमएम से विधायक बने। तीसरी बार जब 2019 में जेएमएम ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े। पर इस बार वे हार गए थे।