हरिमोहन सिंह बने बिहार लंगड़ी खेल एसोसिएशन के महासचिव

हरिमोहन सिंह बने बिहार लंगड़ी खेल एसोसिएशन के महासचिव

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हरिमोहन सिंह बने बिहार लंगड़ी खेल एसोसिएशन के महासचिव

भारतीय पारंपरिक खेलों और खिलाड़ियों को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता – हरिमोहन सिंह

मुंगेर, बिहार – भारतीय पारंपरिक खेलों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के संकल्प के साथ, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हरिमोहन सिंह को लंगड़ी फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बिहार लंगड़ी खेल एसोसिएशन का महासचिव नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति लंगड़ी खेल के जन्मदाता और फेडरेशन के महासचिव सुरेश गांधी द्वारा की गई।

हरिमोहन सिंह ने अपनी नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी और समर्पण से निभाएंगे। उनका लक्ष्य बिहार में लंगड़ी खेल को बढ़ावा देना और इसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक लोकप्रिय बनाना है। उन्होंने कहा, “हमारी प्राथमिकता भारतीय पारंपरिक खेलों और खिलाड़ियों का विकास करना है। मैं पूरी निष्ठा से इस कार्य में जुटा रहूंगा।”

खेल जगत में हरिमोहन सिंह की उपलब्धियां

हरिमोहन सिंह विभिन्न अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं। उन्होंने अपनी खेल प्रतिभा के बल पर कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान अर्जित किए हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, खेल मंत्री, समाज कल्याण मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, पथ निर्माण मंत्री, विधि कानून मंत्री, ग्रामीण कार्य मंत्री, पर्यटन मंत्री और बिहार राज्य आयुक्त निशक्तता द्वारा भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है।

हरिमोहन सिंह मुंगेर जिले के कल्याणपुर गांव के निवासी हैं। वे पिछले 11 वर्षों से खेल और समाजसेवा में सक्रिय हैं। उनके निरंतर प्रयासों के चलते वे बिहार के सबसे कम उम्र के स्टेट सेक्रेटरी बने हैं।

लंगड़ी खेल: एक भारतीय पारंपरिक खेल

लंगड़ी एक पारंपरिक भारतीय खेल है, जिसमें टैग और हॉपस्कॉच के तत्व शामिल होते हैं। इसे पांडियन राजवंश के दौरान “नॉन्डियाट्टम” के नाम से जाना जाता था। इस खेल में टीमें बारी-बारी से आक्रमण (चेसिंग) और बचाव (डिफेंस) करती हैं। आक्रमण करने वाली टीम के खिलाड़ी केवल एक पैर पर उछलते हुए खेलते हैं और निर्धारित समय में बचाव करने वाले खिलाड़ियों को छूकर अंक अर्जित करते हैं।

लंगड़ी खेल के नियम:

  1. यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है।
  2. प्रत्येक टीम में 12 खिलाड़ी और 3 अतिरिक्त खिलाड़ी होते हैं।
  3. खेल को 9-9 मिनट की 4 पारियों में खेला जाता है।
  4. आक्रमण करने वाली टीम का खिलाड़ी एक पैर पर चलता है और बचाव करने वाली टीम के खिलाड़ियों को टैग करने की कोशिश करता है।
  5. बचाव करने वाले खिलाड़ी तीन-तीन के बैच में मैदान में प्रवेश करते हैं।
  6. खेल की शुरुआत टॉस से होती है, जिसमें विजेता टीम बचाव या आक्रमण का चयन कर सकती है।

यह खेल गोवा का पारंपरिक खेल माना जाता है और महाराष्ट्र में इसे मराठी लोकाचार का हिस्सा बताया जाता है। यह खेल इंडोर और आउटडोर दोनों रूपों में खेला जा सकता है, और इसकी गति और रोमांचक शैली के कारण यह युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रहा है।

लंगड़ी दौड़: एक अनोखी स्पर्धा

लंगड़ी खेल का एक अन्य रूप लंगड़ी दौड़ है, जिसमें प्रत्येक दल में दो खिलाड़ी होते हैं। इस खेल में दोनों खिलाड़ियों के एक-एक पैर को बांध दिया जाता है, और वे एक पैर पर उछलते हुए दौड़ पूरी करने की कोशिश करते हैं।

लंगड़ी दौड़ के नियम:

  • इस खेल के लिए समतल मैदान सबसे उपयुक्त होता है।
  • दोनों खिलाड़ी अपने-अपने एक ही पैर पर उछलते हुए आगे बढ़ते हैं।
  • यह खेल शारीरिक संतुलन, धैर्य और सहनशक्ति को विकसित करने में सहायक होता है।

हरिमोहन सिंह का योगदान और विचार

हरिमोहन सिंह का मानना है कि खेल केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि अनुशासन, धैर्य और टीम वर्क सिखाने का एक बेहतरीन माध्यम है। उन्होंने कहा, “खेल गतिविधियों में शामिल होने से हम अधिक सक्रिय और स्वस्थ रहते हैं। यह हमें अनुशासन, समय प्रबंधन और लगन सिखाता है।”

उन्होंने आगे बताया कि लंगड़ी खेल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए वे विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर कार्य करेंगे। उनका सपना है कि इस खेल को अन्य खेलों की तरह ओलंपिक और अन्य वैश्विक मंचों तक पहुंचाया जाए।

सम्मान और बधाइयां

हरिमोहन सिंह को बिहार लंगड़ी एसोसिएशन का महासचिव बनाए जाने पर खेल जगत, प्रशासनिक अधिकारियों, समाजसेवियों और बुद्धिजीवियों ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। उन्हें स्पेशल ओलंपिक्स भारत, बिहार के स्पोर्ट्स डायरेक्टर संदीप कुमार, प्रोग्राम मैनेजर संतोष कुमार सिन्हा, बिहार स्टेट एसोसिएशन ऑफ पीडब्लयूडी के सचिव सुगंध नारायण सिंह, फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया बिहार चैप्टर के महासचिव कुमार आदित्य समेत कई अन्य संगठनों से बधाइयां मिलीं।

इसके अलावा, जनकल्याण शिव शक्ति हरिमोहन फाउंडेशन, मुंगेर पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन, मुंगेर जिला खो-खो संघ, मुंगेर योगासना स्पोर्ट्स एसोसिएशन, मुंगेर हैंडबॉल एसोसिएशन, फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया मुंगेर चैप्टर, जंप रोप एसोसिएशन ऑफ बिहार, आर्ट कल्चर एंड यूथ स्पोर्ट्स डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया सहित कई अन्य संगठनों ने भी उनकी नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की।

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