
बरहरवा: प्रखंड के मयूरकोला गांव में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन बुधवार से विधिवत रूप से प्रारंभ हुआ। कथा के शुभारंभ से पूर्व भव्य कलश शोभा यात्रा निकाली गई, जिसमें 101 कुंवारी कन्याओं ने गाजे-बाजे के साथ पूरे गांव में भ्रमण किया। शोभा यात्रा जंगली तालाब पहुंची, जहां वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच पंडितों द्वारा विधिपूर्वक जल भरा गया। इसके बाद कलश को यज्ञ स्थल पर स्थापित किया गया, जिसके उपरांत कथा वाचिका साध्वी प्रियंका शास्त्री के सान्निध्य में श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत हुई।
कलश शोभा यात्रा से गूंज उठा गांव
भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में डूबी 101 कुंवारी कन्याओं ने पारंपरिक वेशभूषा में कलश सिर पर रखकर पूरे गांव में भक्ति रस की गंगा बहाई। भक्तिमय माहौल में गाजे-बाजे और जय श्रीराम, जय श्रीकृष्ण के उद्घोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। शोभा यात्रा जब गांव के विभिन्न मार्गों से होते हुए जंगली तालाब पहुंची, तब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वहां वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ जल भरने की प्रक्रिया संपन्न हुई। इसके बाद पुनः कलश यात्रा यज्ञ स्थल पहुंची, जहां विधिवत कलश स्थापना की गई।

भगवत कथा की रसधारा में डूबे श्रद्धालु
कलश स्थापना के बाद श्रीमद्भागवत कथा प्रारंभ हुई, जिसमें कथा वाचिका साध्वी प्रियंका शास्त्री ने श्रीकृष्ण भक्ति का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन के लिए एक अमृत रूपी मार्गदर्शिका है। इसके श्रवण मात्र से मन को शांति मिलती है और आपसी प्रेम की भावना जागृत होती है। साध्वी ने कहा कि यह कथा भक्तों को धर्म, सत्य और भक्ति का संदेश देती है तथा जीवन को सार्थक बनाने का मार्ग दिखाती है।
सात दिनों तक चलेगा कथा आयोजन
श्रीमद्भागवत कथा समिति के सचिव संजय यादव ने बताया कि यह कथा यज्ञ सात दिनों तक चलेगा। प्रतिदिन संध्या 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक कथा का आयोजन होगा, जिसमें श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर होंगे। कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं, गोवर्धन पूजा, रासलीला, सुदामा चरित्र, गीता उपदेश सहित कई प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस धार्मिक आयोजन से न केवल आध्यात्मिक वातावरण का निर्माण होता है, बल्कि गांव में आपसी भाईचारे और प्रेम की भावना भी प्रबल होती है। कथा सुनने से मनुष्य के जीवन में शांति और सद्भाव का संचार होता है।
ग्रामीणों का योगदान सराहनीय
संजय यादव ने श्रीमद्भागवत कथा आयोजन में भरपूर सहयोग देने के लिए समस्त ग्रामीणों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों के सहयोग से ही यह धार्मिक आयोजन संभव हुआ है। इस अवसर पर भगवत कथा समिति मयूरकोला के सदस्य बिजया कुमार साहा, सोनू तिवारी, काशी साहा, कलेश्वर साहा, तापेश्वर साहा सहित अन्य सदस्य एवं सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
भक्ति और श्रद्धा का माहौल
कथा स्थल को भव्य रूप से सजाया गया है। पूरे परिसर को रंग-बिरंगी रोशनी और धार्मिक झंडियों से सजाया गया, जिससे माहौल पूरी तरह भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ कथा श्रवण कर रहे हैं।