
जौनपुर (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रमोद यादव को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी। इलाज के दौरान अस्पताल में उनकी मौत हो गई है। बीजेपी ने प्रमोद यादव को 2012 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था। उस चुनाव में मल्हनी से सपा के उम्मीदवार पारस नाथ यादव ने चुनाव जीता था, जबकि बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी जागृति सिंह दूसरे नंबर पर रही थीं।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना जौनपुर के बक्सा थाना क्षेत्र के बोधापुर मोड़ की है। जहां अज्ञात बदमाशों ने बीजेपी नेता प्रमोद यादव को गोली मारी है। उन्हें घायल अवस्था में जिला अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं मौके पर पहुंची पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीँ इस घटना से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई है।
बता दें कि पिछले कल ही पूर्व सांसद और बाहुबली धनंजय सिंह को अपहरण और रंगदारी मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही एमपी-एमएलए कोर्ट ने उन पर 50 हजार का जुर्माना लगाया है। उन्हें मंगलवार को दोषी करार दिया गया था।
(नई दिल्ली)शराब घोटाला मामला : अरविंद केजरीवाल को ईडी की अर्जी पर कोर्ट ने भेजा समन,16 मार्च को पेश होने को कहा
नई दिल्ली (आरएनएस)। शराब घोटाले से जुड़े मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन भेजा है। ईडी की अर्जी पर ये समन भेजा गया है। कोर्ट ने केजरीवाल को 16 मार्च को पेश होने को कहा है। इससे पहले ईडी सीएम केजरीवाल को आठ समन भेज चुकी है। वह इन समन को गैरकानूनी बताते रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ये समन गैरकानूनी हैं लेकिन फिर भी वह ईडी के सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ईडी से 12 मार्च के बाद की कोई तारीख मांगी थी। केजरीवाल ने कहा था कि वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सवालों के जवाब देंगे।
वहीं, केजरीवाल को बार-बार ईडी की ओर से समन भेजने पर आम आदमी पार्टी ने सवाल उठाया था कि आखिरी ईडी किस आधार पर ये समन भेज रही है। जब श्वष्ठ खुद इस मामले को लेकर कोर्ट गई है तो इंतजार क्यों नही कर सकती। श्वष्ठ सिर्फ अरविंद केजरीवाल को डराना चाहती है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि चंडीगढ़ में सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से फैसला सुनाया है, उसी का बदला अरविंद केजरीवाल से लिया जा रहा है। अगर ये सिर्फ लीगल मामला होता तो श्वष्ठ कोर्ट के फैसले का इंतजार करती। आम आदमी पार्टी इससे डरने वाली नहीं है।
बता दें कि इससे पहले सीएम केजरीवाल को ईडी 8 समन जारी कर चुकी हैं, लेकिन केजरीवाल अभी तक किसी भी नोटिस के जवाब में जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। ऐसे में इन समन को छोडऩा उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है, क्योंकि लगातार समन को छोडऩा ईडी की धारा 19 के तहत असहयोग के लिए अभियोग की जमीन मजबूत कर रहा है।
22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई नीति आने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई, जिसके बाद शराब पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। इस नीति को लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दिया।