घाघरा/गुमला:- घाघरा 15 वित्त आयोग मत की राशि पिछले दो वर्ष से नहीं मिलने के कारण पंचायत में विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गया। राशि के अभाव के कारण हैंडपंप मरम्मत ,जालमीनार मरम्मत ,चापाकल मरम्मत, नाली मरम्मत ,पी सी सी पथ निर्माण ,फेवर ब्लॉक पथ निर्माण ,चबूतरा निर्माण ,पुलिया निर्माण ,शौचालय निर्माण, सड़क निर्माण जैसी कई जन उपयोगी योजनाएं आधार पर लटकी हुई है।
वहीं पूर्व में काम कर चुके लाभुक पैसे के लिए पंचायत से लेकर प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं द्वितीय वर्ष 2024 25 समाप्त हो चुका और 25 – 26 प्रगति पर है बावजूद इन दो सालों में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पंचायत में किसी भी प्रकार का कोई वित्तीये सहायता नहीं दी गई है जिस कारण पंचायत का राज संस्था जन आकांक्षाओं को पूरा करने में विफल साबित हो रही है।
वहीं तीन साल के कार्यकाल में पिछले दो साल से वित्तीये सहायता का इंतजार कर रहे वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्ता है ।
राशि के अभाव से जनता से किए गए वादे पूरा नहीं कर पा रहे हैं जनप्रतिनिधि
जनता से भारी भरकम वादा कर पंचायत चुनाव जीतने वाले जनप्रतिनिधियों राशि के अभाव में कोई काम नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण आगामी चुनाव में प्रतिकूल परिणाम का डर उन्हें अभी से ही सताने लगा है।
राशि के अभाव में लाभुक लगा रहे प्रखंड कार्यालय के चक्कर
घाघरा प्रमुख सविता देवी ने कहां की 15वें वित्त की राशि रिलीज नहीं किया जाने के कारण गांव का विकास पूरी तरह ठप सभी जरूरी योजनाएं आधार पर लटकी हुई है ऐसे में सरकार को जल्द राशि निर्गत करना चाहिए ताकि गांव के विकास का मार्ग रुक गई है जनता की उम्मीदें पूरी नहीं हो पा रही है। एक ओर जहां सरकार ग्राम पंचायत को सशक्त बनाने की बात करती है वहीं दूसरी ओर पंचायत को मिलने वाली राशि को पिछले दो साल से रोक कर रखा गया है।
राशि की अभाव में पंचायती राज व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है
घाघरा मुखिया योगेंद्र भगत ने कहा पिछले दो बार वर्षों से राशि नहीं मिलने के कारण गांव का विकास पूरी तरह ठप हो गई है वहीं राशि के अभाव में जनप्रतिनिधियों ने जनता से जो वादा किया उसे पूर्ण नहीं कर पा रहे हैं एवं जनता के सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है ऐसे में पंचायत प्रतिनिधि अपने आपको उपेक्षित एवं ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।