
घाघरा, गुमला:- घाघरा थाना क्षेत्र इन दिनों नशे के कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है। कभी शिक्षा और संस्कारों के लिए पहचाने जाने वाले इस क्षेत्र में अब नशे का जहर तेजी से फैल रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसके शिकार अब स्कूली छात्र और युवा हो रहे हैं, जो किसी भी समाज और देश का भविष्य माने जाते हैं।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, ड्रग्स की आसान उपलब्धता के चलते यहां के बच्चे और युवा तेजी से नशे के दलदल में फंसते जा रहे हैं। ड्रग्स तस्करों का एक संगठित और मजबूत नेटवर्क क्षेत्र में सक्रिय है, जो युवाओं को पहले मुफ्त में नशा देता है और फिर उन्हें इसकी लत लग जाने पर मोटी रकम वसूलता है।
सूत्रों की मानें तो तस्कर पुलिस की नजरों से बचने के लिए महिलाओं और बच्चों का सहारा ले रहे हैं। हाल ही में घाघरा पुलिस द्वारा दो अलग-अलग वाहनों से दो क्विंटल से अधिक गांजा जब्त किया गया था। इसके बावजूद, नशे का व्यापार रुकने के बजाय और तेजी से फैल रहा है। ब्राउन शुगर जैसी जानलेवा ड्रग्स की खेप आसपास के जिलों से मंगाई जा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में खुलेआम बेची जा रही है।
एक चुटकी ब्राउन शुगर की कीमत लगभग ₹500 है, जिसे खरीदने के लिए युवा किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नशे की लत के बाद जब इनके पास पैसे नहीं होंगे, तो ये चोरी, लूट जैसे गंभीर अपराधों की ओर भी बढ़ सकते हैं।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि पुलिस प्रशासन इस पूरे मामले में निष्क्रिय नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस को सब कुछ पता होते हुए भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। अगर समय रहते स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो घाघरा भी ‘उड़ता पंजाब’ जैसी स्थिति की ओर बढ़ सकता है।