
- मार्च 2026 से खनन कार्य प्रारंभ करने का लक्ष्य, पांच हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
- कोयला खनन से क्षेत्र में होगा चहुंमुखी विकास: अपर समाहर्ता
लातेहार:-राजबार कोयला खदान के संचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए जिला खेल स्टेडियम परिसर में पर्यावरण प्रभाव आकलन को लेकर जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस जनसुनवाई की अध्यक्षता अपर समाहर्ता श्री रामा रविदास ने की। यह जनसुनवाई तेनुघाट विद्युत निगम लिमिटेड (TVNL) द्वारा प्रस्तावित राजबार ओपन कास्ट कोयला खदान के तहत आयोजित की गई थी, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय प्रभाव और खनन कार्यों की पारदर्शिता को लेकर स्थानीय लोगों की राय लेना था।
ग्रामीणों ने रखी अपनी चिंताएं, अधिकारियों ने दिए जवाब
पर्यावरणीय जनसुनवाई के दौरान राजस्व गांव जेरांग, राजबार, रेंची, लेजांग, डडिया और सेरक के ग्रामीणों ने खनन से संभावित पर्यावरणीय प्रभाव, प्रदूषण, विस्थापन, जल स्रोतों पर असर और वन संरक्षण को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त कीं। इस दौरान झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी और TVNL के प्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के सवालों का जवाब दिया और पर्यावरण प्रबंधन योजना की विस्तृत जानकारी साझा की।
परियोजना से क्षेत्र में होगा विकास, रोजगार के अवसर होंगे सृजित

बैठक को संबोधित करते हुए अपर समाहर्ता श्री रामा रविदास ने कहा कि राजबार कोल ब्लॉक का शुरू होना लातेहार जिले के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। उन्होंने बताया कि खदान के खुलने से तीन अंचल के आधा दर्जन गांवों के 1461 लोगों को प्रत्यक्ष और 5000 से अधिक लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि खदान संचालन के दौरान पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने और स्थानीय समुदायों को अधिकतम लाभ पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि इस कॉल ब्लॉक से निकले कोयले का उपयोग विद्युत उत्पादन के लिए किया जाएगा, जिससे झारखंड की ऊर्जा आपूर्ति को मजबूती मिलेगी। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि स्थानीय लोगों की सहमति और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना परियोजना की प्राथमिकता होगी।
मार्च 2026 से खनन कार्य प्रारंभ करने का लक्ष्य
परियोजना की प्रगति को लेकर जानकारी देते हुए TVNL के अधीक्षण अभियंता राजेश रंजन ने बताया कि मार्च 2026 तक खनन कार्य शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि खदान के संचालन से पहले सभी अनुमोदन और पर्यावरणीय स्वीकृतियां प्राप्त की जाएंगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि खनन प्रक्रिया पर्यावरण मानकों के अनुरूप होगी और स्थानीय लोगों के हितों की रक्षा की जाएगी।

ग्रामीणों की सहमति और प्रशासन का समर्थन
जनसुनवाई के दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने पर्यावरणीय प्रभावों और पुनर्वास योजनाओं पर चर्चा की और परियोजना से सहमति जताई। इसके अलावा, लातेहार, चंदवा और बालूमाथ के अंचल अधिकारियों ने भी खदान परियोजना को लेकर अपने विचार साझा किए।
प्रमुख अधिकारी एवं प्रतिनिधियों की उपस्थिति
इस जनसुनवाई में अपर समाहर्ता श्री रामा रविदास, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी, TVNL के गंगा रविदास, जगन्नाथ टूडू, रमेश कुमार सिंह, रंजीत कच्छप, एलएम गुप्ता, लातेहार, चंदवा और बालूमाथ के अंचलाधिकारी, प्रभावित गांवों के ग्रामीण और अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

राजबार कोयला खदान परियोजना स्थानीय विकास, रोजगार सृजन और झारखंड की ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए एक बड़ा कदम है। जनसुनवाई में ग्रामीणों की सहमति, प्रशासनिक समर्थन और परियोजना की पारदर्शिता को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। अब सभी आवश्यक स्वीकृतियां पूरी करने के बाद 2026 तक खनन कार्य शुरू होने की संभावना है। इससे क्षेत्र में आर्थिक उन्नति, आधारभूत संरचना का विकास और स्थानीय लोगों को स्थायी रोजगार के अवसर मिलेंगे।