
पिछले महीने, अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एन्फोर्समेंट (ICE) ने अवैध प्रवासियों की एक सूची तैयार की थी, जिसमें करीब 15 लाख लोग शामिल थे। इस सूची में 18 हजार भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं। हालांकि, भारत सरकार इस मामले में अमेरिकी ट्रम्प प्रशासन के साथ सहयोग करने को तैयार है, ताकि वहां अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों की पहचान की जा सके और उन्हें वापस भेजा जा सके।
भारत सरकार की भूमिका
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें स्वदेश लौटाने के लिए एक समन्वित योजना तैयार करने की इच्छा जताई है। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि वह अवैध प्रवासियों के मुद्दे को इस प्रकार से सुलझाने में सहयोग करेगा, ताकि इसका असर H-1B वीजा और स्टूडेंट वीजा जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों पर न पड़े।
अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में कुल 3,86,000 H-1B वीजा जारी किए गए थे, जिनमें से लगभग तीन-चौथाई भारतीय नागरिक थे। यह आंकड़ा यह दर्शाता है कि भारतीय नागरिक अमेरिका में कामकाजी वीजा की सबसे बड़ी संख्या का हिस्सा हैं।
अवैध प्रवासियों में भारतीयों का प्रतिशत
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों में भारतीय नागरिकों का प्रतिशत कुल संख्या का केवल 3% है, जो कि बहुत मामूली आंकड़ा है। यह संकेत देता है कि अन्य देशों की तुलना में भारतीय नागरिकों का अवैध प्रवासियों के समूह में हिस्सा अपेक्षाकृत कम है। हालांकि, यह आंकड़ा भी अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की बढ़ती संख्या और उनकी योगदान की ओर इशारा करता है, खासकर हाइटेक उद्योग और अन्य पेशेवर क्षेत्रों में।
H-1B वीजा और इसके प्रभाव
H-1B वीजा की बात करें तो यह अमेरिका में विदेशी पेशेवरों के लिए एक महत्वपूर्ण वीजा श्रेणी है, जिसके तहत कंपनियां विशेषज्ञों और तकनीकी पेशेवरों को काम करने के लिए नियुक्त करती हैं। भारत इस वीजा कार्यक्रम का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है, जिससे भारतीय नागरिकों को अमेरिका में रोजगार के बेहतर अवसर मिलते हैं। हालांकि, अवैध प्रवासियों के मुद्दे को लेकर चिंताएं भी हैं, क्योंकि यह वीजा और अन्य वीजा कार्यक्रमों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
भारत और अमेरिका दोनों ही देशों के लिए यह जरूरी है कि वे अवैध प्रवासियों के मुद्दे को गंभीरता से सुलझाएं, लेकिन इस दौरान दोनों देशों के आपसी संबंध और व्यापारिक हितों का भी ध्यान रखा जाए। यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि H-1B और अन्य वीजा कार्यक्रमों का प्रभावी रूप से संचालन हो, ताकि भारत के पेशेवरों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।