पतना/साहेबगंज:- देश की आजादी के 70 साल बाद भी यदि यहां के आम लोगों को अपनी मूलभूत आवश्यकताओं में से एक पेयजल के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़े तो कहीं ना कहीं यह सरकार की उदासीनता या विभागीय लापरवाही ही कही जाएगीl विभागीय कार्य प्रणाली तथा उदासीनता का शिकार स्थानीय जनता होती हैl जनप्रतिनिधियों को भी सिर्फ वोट से मतलब है, एक बार वोट मिल जाने के बाद जनता जनार्दन किस हालत में जी रही है इसे देखने वाला कोई नहीं हैl कुछ ऐसा ही हाल पतना प्रखंड अंतर्गत शहरी पंचायत के तेगड़ा गाँव का है, जहां जल मीनार की स्वीकृति तो 3 वर्ष पूर्व मिली है लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है, जिस वजह से स्थानीय ग्रामीण पेयजल के लिए हलकान है तथा दर-दर भटक रहे हैंl 3 वर्ष बीत जाने के बावजूद यदि योजना धरातल पर नहीं उतरी है एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है तो यह एक गंभीर जांच का विषय हैl फिलहाल ग्रामीण अपने हलक की प्यास बुझाने के लिए 2 किलोमीटर दूर पैदल जाकर पीने का पानी लाते हैंl अब इसे विडंबना ही कहा जाएगा की एक और सरकार जहां हर घर नल योजना का वादा तो करती है लेकिन धरातलीय हकीकत कुछ और ही बयां करती हैl ऐसा प्रतीत होता है जैसे गांव की पेयजल योजना पूरा होने के लिए किसी शुभ मुहूर्त का 3 वर्षों से इंतजार कर रही होl अधूरे पड़े मामले में ग्रामीणों ने वरीय अधिकारियों से जांच की मांग की है तथा उन्होंने कहा है कि स्थानीय ग्रामीणों को जल से जल्द पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएl