खबर प्रकाशन के बावजूद अबतक नहीं हो पायी कोई कार्यवाही
महेशपुर/पाकुड़
पिछले दो संकलन मे भी भ्रस्टाचार से सम्बंधित इसी खबर को प्रकाशित किया गया था,लेकिन अबतक प्रशासनिक कार्यवाही ना होना एक बात तो साफ करती है कि भ्रस्टाचार मे लिप्त कर्मी व बिचौलियों कि साख मजबूत है।विभागीय कर्मियों के ढुलमुल रवैये ही सदैव से बिचौलियों के मनोबल को बढ़ाते हैं।बताते चलें कि महेशपुर प्रखंड क्षेत्र के बलियाडंगाल पंचायत के बरहाबाद गाँव मे नाली निर्माण के कार्य में अनियमितता बरती गई है।अनियमितता से स्थानीय लोगों में भी काफी आक्रोश है।ग्रामीणों का आरोप है कि चल रहे नाली निर्माण में संवेदक के द्वारा इतना घटिया कार्य करवाया गया कि नाली एक वर्ष पूरे होने तक टिक ही नहीं पाया और नाली सहित गाडवाल फटने भी लगा।नाली निर्माण के सामने प्राक्कलन राशि व योजना मद से सम्बंधित किसी भी प्रकार के कोई बोर्ड ही नहीं लगाये गए हैं।प्रथम नाली का लेबल भी नहीं लिया गया। जिस तरफ नाली के पानी को गिराना है,उस तरफ से ऊंचाई ज्यादा है। इन सभी में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नाली निर्माण कार्य में गुणवत्ता नाम की चीज ही नहीं है।सबसे खराब गुणवत्ता वाली ईंट का उपयोग किया गया है। नाली निर्माण के लिए नीचे फर्श की ढलाई करने में भी खानापूर्ति की गई है।नियमानुसार सतह की तीन इंच ढ़लाई कंक्रीट से करनी होती है।उस ढ़लाई को कही एक इंच किया गया है तो कहीं उससे भी कम।सिर्फ नीचे फर्श पर ईंट की छोटी टुकड़ी को बिछा कर ढलायी की खानापूर्ति कर दीं गई।नाली को पाटने के लिए ढ़लवाए जा रहे स्लैब के मेटेरियल में बालू और सीमेंट के अनुपात में भी खानापूर्ति देखने को मिली।इस तरह की अनेक अनियमितताएं नाली निर्माण में की जा रही है।ग्रामीण इसका काफी विरोध भी कर रहे है लेकिन बिचौलियों पर इसका कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा।मनरेगा कार्यो में ऐसा भ्रष्टाचार कहीं ना कहीं जांच का विषय है। यदि इस पर उचित तरीके से जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की कई परतों का खुलासा हो सकता है।