बरहरवा। नगर पंचायत क्षेत्र से होकर गुजरने वाला सबसे बड़ा जोला नाला अतिक्रमण की चपेट में आ गया है। वर्षों पहले नगर पंचायत के गंदे पानी और पहाड़ों से बहकर आने वाले वर्षा जल की निकासी के लिए बनाए गए इस नाले पर अब कई स्थानों पर अतिक्रमण हो चुका है। इसका सीधा असर आमजन पर पड़ रहा है, खासकर बारिश के दिनों में।
जानकारी के अनुसार, बरहरवा एवं आसपास के क्षेत्रों में जब भी तेज बारिश होती है, तो पहाड़ी पानी तेजी से नीचे उतरता है और नगर पंचायत के विभिन्न मोहल्लों में फैल जाता है। नाले की संकरी स्थिति और गहराई कम होने से न सिर्फ गंदा पानी ठहर जाता है, बल्कि कई इलाकों में लोगों के घरों तक पानी घुसने लगता है।
सूत्रों के अनुसार, बरहरवा नगर पंचायत क्षेत्र से होकर गुजरने वाला यह जोला नाला मौजा रतनपुर और बरहरवा के अंतर्गत कुल 6 बीघा 19 कट्ठा 14 धुर भूमि में फैला है।
नाले की माप और दाग विवरण:
- जमाबंदी संख्या 441:
- दाग संख्या 1196: औसत चौड़ाई 34 फीट, लंबाई 191 फीट 3 इंच
- दाग संख्या 1195: चौड़ाई 25 फीट 7 इंच, लंबाई 749 फीट
- दाग संख्या 1282: चौड़ाई 23 फीट 3 इंच, लंबाई 369 फीट 6 इंच
- दाग संख्या 1275 (दो बार उल्लिखित): एक में चौड़ाई 45 फीट 8 इंच, लंबाई 79 फीट 2 इंच; दूसरे में चौड़ाई 24 फीट 7 इंच, लंबाई 135 फीट 3 इंच
- जमाबंदी संख्या 78:
- दाग संख्या 236 व 237: चौड़ाई 39 फीट 5 इंच, लंबाई 1499 फीट
वर्तमान स्थिति
कहीं-कहीं यह नाला केवल 3 से 10 फीट की चौड़ाई में सिमट गया है। नाले की गहराई भी बहुत कम हो गई है, जिससे जल निकासी में भारी बाधा उत्पन्न हो रही है।
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि जब तक नगर और अंचल प्रशासन इस अतिक्रमण को हटाने के लिए सख्त अभियान नहीं चलाता, तब तक इस समस्या का समाधान असंभव है। नगर क्षेत्र का गंदा पानी इसी नाले के सहारे निकलता है।
नगर प्रशासन की प्रतिक्रिया
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार ने बताया कि बरसात को ध्यान में रखते हुए नगर क्षेत्र की नालियों और जोला नाले की नियमित सफाई की जा रही है।