निर्धारित दर से अधिक वसूली और नियमों के उल्लंघन का आरोप
बरहरवा।
बरहरवा रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार परिसर में अवैध वाहन पार्किंग के कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय नागरिकों और यात्रियों का आरोप है कि पार्किंग संवेदक द्वारा नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की जा रही है।
स्टेशन परिसर में टेंपो, टोटो और स्कॉर्पियो जैसी भारी गाड़ियाँ मुख्य द्वार के ठीक सामने खड़ी कर दी जाती हैं, जिससे ट्रेन पकड़ने आने-जाने वाले यात्रियों को काफी कठिनाई होती है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, पार्किंग टेंडर के मानचित्र में मुख्य द्वार क्षेत्र को पार्किंग जोन के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है, बावजूद इसके पार्किंग एजेंट द्वारा इस स्थान पर वाहनों की पार्किंग कराई जा रही है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह न सिर्फ यातायात बाधा उत्पन्न कर रहा है बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरा है। किसी आपात स्थिति में एम्बुलेंस या फायर ब्रिगेड जैसी सेवाओं का प्रवेश बाधित हो सकता है।
रेलवे की पार्किंग नीति के अनुसार, पार्किंग स्थल पर दर सूची प्रदर्शित करना और प्रत्येक भुगतान पर रसीद देना अनिवार्य है। लेकिन बरहरवा स्टेशन परिसर में यह नियम भी पूरी तरह से अनदेखा किया जा रहा है।
निर्धारित दर से अधिक वसूली का भी आरोप
बरहरवा निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने कुछ दिन पहले अपने दोपहिया वाहन को पार्किंग स्थल पर खड़ा किया था। निर्धारित शुल्क ₹26 होने के बावजूद पार्किंग एजेंट ने ₹30 की मांग की, और रसीद मांगने पर देने से इनकार कर दिया।
मुकेश ने कहा कि यह आम यात्रियों के साथ ठगी है। अन्य यात्रियों ने भी आरोप लगाया है कि पार्किंग कर्मचारियों का व्यवहार असभ्य होता है और शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।
स्टेशन प्रबंधक को सूचना देने के बावजूद अब तक स्थिति जस की तस है। यात्रियों का कहना है कि स्टेशन प्रबंधन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।
जब इस संबंध में स्टेशन प्रबंधक निरंजन भगत से दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, “अभी मुझे नींद आ रही है, इसलिए मुझे कुछ पता नहीं है,” और इस मामले में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
स्थानीय नागरिकों एवं यात्रियों ने रेलवे के वाणिज्य विभाग और मंडल रेल प्रबंधक से मांग की है कि बरहरवा रेलवे स्टेशन के मुख्य द्वार पर हो रही अवैध पार्किंग और अतिरिक्त शुल्क वसूली पर तत्काल कार्रवाई की जाए।