संवाददाता: शशिकांत, बोकारो
सेल/बोकारो इस्पात संयंत्र में मजदूरों की मांगों को लेकर जारी विवाद पर बड़ी प्रगति हुई है। सहायक श्रमायुक्त ने 03 सितम्बर को धनबाद कार्यालय में हुई साढ़े छः घंटे की मैराथन बैठक के बाद प्रबंधन को कड़े निर्देश जारी किए। इसके तहत 22 सितम्बर तक सभी लंबित मांगों पर ठोस निर्णय लेने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ, जो हिन्द मजदूर सभा से संबद्ध है, ने 05 सितम्बर को पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया था। लेकिन सहायक श्रमायुक्त के हस्तक्षेप और स्पष्ट आश्वासन के बाद यूनियन ने हड़ताल को 22 सितम्बर तक टाल दिया।
सहायक श्रमायुक्त के प्रमुख निर्देश
- इन्सेंटिव रिवॉर्ड स्कीम – प्रबंधन को 22 सितम्बर तक कमिटी की वास्तविक रिपोर्ट और पुनर्गठन का खाका प्रस्तुत करने का आदेश।
- ठेका मजदूरों का इलाज – ईएसआईसी से बाहर मजदूरों के लिए वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था तत्काल लागू करने के निर्देश।
- ग्रेड प्रमोशन – ठेका मजदूरों के लिए शीघ्र प्रमोशन पॉलिसी बनाने का आदेश।
- ड्यूटी का समय – सुप्रीम कोर्ट आदेश के अनुसार नियमित और ठेका दोनों मजदूरों पर एक समान नियम लागू करने का निर्देश।
- ग्रेच्युटी – सभी ठेका मजदूर ग्रेच्युटी के पात्र, टालमटोल करने पर श्रम विभाग करेगा हस्तक्षेप।
- सुरक्षा प्रावधान – मजदूरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर लापरवाही को दण्डनीय अपराध माना गया।
सहायक श्रमायुक्त ने साफ कहा कि “मजदूरों की सभी मांगें जायज और कानून सम्मत हैं। 22 सितम्बर को बोकारो इस्पात संयंत्र परिसर में अगली सुनवाई होगी, जिसमें प्रबंधन और यूनियन दोनों पक्षों की उपस्थिति अनिवार्य होगी।”
यूनियन के महामंत्री राजेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता में कहा कि मजदूरों की आवाज को अब और दबाया नहीं जा सकता। श्रमायुक्त ने मजदूर हित में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
प्रेस वार्ता में बड़ी संख्या में यूनियन पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे और सभी ने एक स्वर में कहा कि “यदि 22 सितम्बर तक मांगे पूरी नहीं होतीं तो आंदोलन और व्यापक होगा।”