त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नावा बाजार के जनप्रतिनिधियों ने सहायक लिपिक को सात सूत्री मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नावा बाजार के जनप्रतिनिधियों ने सहायक लिपिक को सात सूत्री मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

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त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नावा बाजार के जनप्रतिनिधियों ने सहायक लिपिक को सात सूत्री मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

नावा बाजार/पलामू:- पलामू जिले के नावा बाजार के जनप्रतिनिधियों ने अपने हक अधिकार के लिए झारखंड सरकार के विरुद्ध मे नारेबाज़ी की।त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सोमवार को सात सूत्री मांगों को लेकर नावा बाजार प्रखंड कार्यालय में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम मे क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर अपने हक अधिकार के लिए झारखंड राज्य सरकार के विरोध पूर्ण प्रदर्शन किया।

मौके पर प्रमुख विद्या देवी ने कही की पंचायती राज अधिनियम 1994 एक्ट के तहत ग्रामीण जनप्रतिनिधि का हक अधिकार का हनन राज्य सरकार के द्वारा किया जा रहा है,जिसमें पंचायत का विकास बाधित है पंचायत का आम नागरिक विकास पर सवाल खड़ा कर रहे हैं ।राज्य सरकार द्वारा 60% वित्त आयोग की राशि रोकी है।

पंचायत का विकास कार्य की गति धीमी है पंचायत का विकास बरसात में नाली गली सड़क सिंचाई, नलजल योजना का कार्य बाधित है।15 वीं की राशी पंचायत को नही देना अधिकार हनन का सवाल खडा़ है।

त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि संघर्ष मोर्चा के बैनर तले नावा बाजार के जनप्रतिनिधियों ने सहायक लिपिक को सात सूत्री मांग को लेकर सौंपा ज्ञापन

वहीं नावा बाजार जिला परिषद रीना सरकार ने कहीं की जनप्रतिनिधियों के हक अधिकार से झारखंड सरकार सौतेला व्यवहार कर रही हैं।15 ही वित्त की राशि झारखंड सरकार द्वारा जनप्रतिनिधियों को नहीं देना शर्म की बात है।

जनप्रतिनिधि वार्ड सदस्य, मुखिया ,पंचायत समिति सद्स्य, प्रमुख ,जिला परिषद सदस्य 5 वर्ष के कार्यकाल चुनाव जीतकर आते हैं और अपने पंचायत का विकास राशि के अभाव में विकास नहीं करते हैं जिसका दुष्प्रचार जनप्रतिनिधियों को भुगतना पड़ता है।सरकार द्वारा राज्य के 18 वर्ष से 50 वर्ष के आयु वाले महिलाओं को प्रत्येक महीना2500 की राशि खाता में सीधी भेजी जा रही है। लेकिन चुनाव जीतकर आए वार्ड ,मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, प्रमुख का मानदेय 500 रुपया मात्र दिया जाता है,यह झारखंड सरकार का घोर अपराध है।इतना ही नहीं वार्ड सदस्य को सरकारी योजनाओं से वंचित रखा जाता है।

इन सभी बिषयो को लेकर नावा बाजार जिला परिषद सदस्य रीना देवी,प्रमुख विद्या देवी ,उप प्रमुख मीर खुर्शीद आलम उप मुखिया मिस्टर अंसारी ने प्रखंड के सहायक लिपिक सुधीर कुमार को सात सूत्री मांग का ज्ञापन राज्य सरकार के नाम केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024- 25 की 15वीं वित्त का बकाया राशि का भुगतान अभिलंब कराया जाए ,राज्य वित्त आयोग झारखंड द्वारा अनुशासित राशि का भुगतान अभिलंब किया जाए एवं अन्य अनुशंसाओं को भी लागू किया जाए, आपकी सरकार द्वारा पिछले कार्यकाल में 14 विभागों की शक्तियां को पंचायती राज्य में प्रतियोजित किया गया है उसे क्रियाशील किया जाए तथा शेष विभागों की शक्तियों को भी पंचायती राज को प्रतियोजित किया जाए।

जिला योजना समिति की बैठक नियमित कराई जाए एवं अनाबंद निधि संबंधित प्रवृत्ति रघुवर सरकार के गलत निर्णय को निरस्त किया जाए ,त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को केरल राज्य के तर्ज पर मानदेय दिया जाए ,वार्ड सदस्य का प्रत्येक सरकारी योजना का लाभ दिया जाए, त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत स्वास्थ्य एवं दुर्घटना बीमा का लाभ दिया जाए इन सभी मांग का सौंपा गया ।

मौके पर मुन्ना राम सुनिल कुमार, अमरेश राम विकास पाण्डेय, सुभाष कुमार सहित दर्जनों लोग शामिल थे।

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