
लातेहार: जिले के अंचल कार्यालय में मंगलवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई देखने को मिली, जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), पलामू की टीम ने छापेमारी कर एक राजस्व कर्मचारियों को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई जमीन के मोटेशन से संबंधित एक शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें राजस्व कर्मचारी द्वारा काम के एवज में 10 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई थी।
गिरफ्तार किए गए कर्मियों की पहचान सुशील कुमार के रूप में हुई है, जो अंचल कार्यालय में बतौर राजस्व कर्मचारी कार्यरत थे। जानकारी के मुताबिक, जमीन के कागजात दुरुस्त कराने और मोटेशन कराने के बदले रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित व्यक्ति रिश्वत नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी।
शिकायत दर्ज होने के बाद एसीबी की टीम ने प्राथमिक जांच की, जिसमें मामला सत्य पाया गया। इसके बाद योजना बनाकर कर्मि को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया। मंगलवार को जैसे ही आरोपितों ने रिश्वत की राशि ली, एसीबी की टीम ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। इसके तुरंत बाद अंचल कार्यालय में छापेमारी की गई और विभिन्न दस्तावेजों की जांच की गई।
एसीबी की इस कार्रवाई से अंचल कार्यालय में अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया। कर्मचारी और पदाधिकारी एक-दूसरे से जानकारी लेने में जुटे रहे, वहीं कई फाइलों को खंगालने की कोशिशें भी देखी गईं। स्थानीय लोगों के बीच भी यह खबर तेजी से फैल गई और बड़ी संख्या में लोग अंचल कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए।
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इस भ्रष्टाचार के पीछे और कौन-कौन शामिल हो सकते हैं। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया कि यदि आवश्यकता पड़ी, तो और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
इस बीच, लातेहार के प्रशासनिक महकमे में भी हलचल मच गई है। सूत्रों के अनुसार, जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही, भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाने की बात भी दोहराई गई है।
एसीबी की टीम एक आरोपित को पलामू ले गई है, जहां उनसे गहन पूछताछ की जा रही है। इस कार्रवाई को लेकर आम नागरिकों में संतोष की भावना देखने को मिल रही है। लोगों का कहना है कि ऐसे कदमों से भ्रष्टाचार पर अंकुश लग सकता है और सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता बढ़ेगी।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब लातेहार अंचल कार्यालय में एसीबी ने कार्रवाई की हो। पूर्व में भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया है। ऐसे में एक बार फिर से यह कार्रवाई एक सख्त संदेश के रूप में देखी जा रही है कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।