
बरेली के किला थाना क्षेत्र के बाकरगंज मोहल्ले में शुक्रवार सुबह एक अवैध मांझा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हो गया। हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि फैक्ट्री मालिक का हाथ कटकर 5 फीट दूर जा गिरा। विस्फोट इतना जोरदार था कि फैक्ट्री की दीवार ढह गई और आसपास का इलाका थर्रा उठा। धमाके के कारण कई लोगों को लगा कि भूकंप आ गया है। जब लोग डरकर बाहर निकले तो उन्होंने दिल दहला देने वाला मंजर देखा—किसी का हाथ अलग पड़ा था तो किसी का पैर।
धमाके में तीन की मौत, फैक्ट्री मालिक गंभीर रूप से घायल
हादसे में फैक्ट्री मालिक अतीक रजा (45), मजदूर सरताज (24) और मजदूर फैजान (29) की मौत हो गई। अतीक और सरताज की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि फैजान गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, फैक्ट्री में मांझे को धारदार बनाने के लिए शीशे की ग्राइंडिंग का काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक तेज धमाका हुआ, जिससे पूरा इलाका दहल गया। धमाके के साथ आग की लपटें उठीं और देखते ही देखते दीवारें गिर गईं।
प्रत्यक्षदर्शियों ने सुनाई आंखों देखी
सरताज की मौसी गुड़िया ने बताया, “हम लोग अपने घर में थे तभी जोरदार धमाके की आवाज आई। पहले तो लगा कि कहीं सिलेंडर फटा है, लेकिन जब भागकर मौके पर पहुंचे तो देखा कि पूरी फैक्ट्री मलबे में बदल चुकी थी। सरताज बुरी तरह से झुलस गया था और खून से लथपथ था। हम उसे अस्पताल ले गए लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।”

सरताज की मां शाहीन ने रोते हुए कहा, “वह सुबह निकला था और कहकर गया था कि पैसे लेकर आता हूं। मैंने रोटी बना कर रखी थी, लेकिन अब वह कभी लौटकर नहीं आएगा।”
धमाके की वजह: खतरनाक केमिकल्स का मिश्रण
घटना की सूचना पाकर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में पता चला कि फैक्ट्री में गंधक (सल्फर), पोटाश और शीशे के पाउडर का मिश्रण तैयार किया जा रहा था। इस दौरान हुए केमिकल रिएक्शन से विस्फोट हुआ।
बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया, “इस फैक्ट्री में अवैध रूप से देसी मांझा बनाने का काम चल रहा था। कच्चे धागे पर लेड (कांच का पाउडर) लगाया जाता था, जिसे चावल की लुगदी और केमिकल्स की सहायता से धारदार बनाया जाता था। इसी दौरान एक रासायनिक प्रतिक्रिया हुई, जिससे विस्फोट हो गया।”
हादसे के बाद प्रशासन सतर्क, जांच के आदेश
घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने अवैध मांझा फैक्ट्री पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है।

सीओ संदीप कुमार ने बताया, “हमें सूचना मिली थी कि घर में सिलेंडर फट गया है, लेकिन जांच के दौरान पता चला कि सिलेंडर ब्लास्ट नहीं हुआ था। यह धमाका मांझा बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे केमिकल्स की वजह से हुआ है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।”
बाकरगंज: अवैध मांझा फैक्ट्रियों का गढ़
बाकरगंज इलाका बरेली में मांझा निर्माण का एक बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां कई छोटे-बड़े कारखाने चलाए जाते हैं, जहां देसी मांझा बनाया जाता है। इस मांझे को तेज धार देने के लिए प्रतिबंधित केमिकल्स का उपयोग किया जाता है, जो बेहद खतरनाक होते हैं। यह पहली बार है जब इस तरह के विस्फोट की घटना सामने आई है, जिससे इस व्यवसाय पर प्रशासन की नजर गई है।
क्या अवैध था यह कारखाना?
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, यह मांझा फैक्ट्री अवैध रूप से चलाई जा रही थी। मृतक अतीक रजा के घर में ही यह कारखाना संचालित किया जा रहा था। उसके पास मांझा निर्माण का कोई कानूनी लाइसेंस नहीं था। सरताज इस फैक्ट्री में पिछले एक साल से काम कर रहा था। हादसे के दिन वह पैसे लेने आया था, क्योंकि शुक्रवार को काम का हिसाब किया जाता था।
सरताज के पिता राशिद ने बताया, “मेरा बेटा आज फैक्ट्री नहीं गया था। लेकिन जुमे के दिन हिसाब होता है, इसलिए वह पैसे लेने गया था। किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।”
धमाके से हुआ नुकसान
- तीन लोगों की मौके पर मौत हो गई।
- फैक्ट्री मालिक अतीक रजा का हाथ कटकर 5 फीट दूर जा गिरा।
- फैक्ट्री की एक दीवार ढह गई, जिससे आसपास के घरों में कंपन महसूस हुआ।
- घटना के बाद इलाके में दहशत फैल गई।
प्रशासन का ऐलान: अवैध फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान चलेगा
डीएम ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद अवैध मांझा फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान चलाने की घोषणा की। एसएसपी अनुराग आर्य ने कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। जिले में अवैध रूप से संचालित सभी मांझा फैक्ट्रियों की जांच की जाएगी। जरूरत पड़ी तो इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
क्या हैं अवैध मांझे के खतरे?
- चाइनीज और देसी धारदार मांझा प्रतिबंधित है, क्योंकि यह जानलेवा हो सकता है।
- कई घटनाओं में यह मांझा बाइक सवारों, पक्षियों और राहगीरों की गर्दन काट चुका है।
- इसके निर्माण में इस्तेमाल होने वाले केमिकल विस्फोटक होते हैं, जो बड़ी दुर्घटनाओं को जन्म दे सकते हैं।
स्थानीय लोगों की मांग: सख्त कार्रवाई हो
इस घटना के बाद बरेली के नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि अवैध मांझा फैक्ट्रियों को बंद कराया जाए। लोगों का कहना है कि प्रशासन को पहले ही इस खतरे का अंदाजा लगाना चाहिए था। यदि समय रहते कार्रवाई की जाती तो तीन निर्दोष लोगों की जान नहीं जाती।