
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 2025 के बजट को लेकर मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उनका कहना है कि यह बजट किसी गोली के घाव पर पट्टी लगाने जैसा है, जो सिर्फ आंशिक राहत देता है, जबकि वास्तविक समस्याओं का समाधान नहीं करता। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार अपने विचारों के मामले में खोखली है और देश की जनता की वास्तविक परेशानियों से मुंह चुराते हुए सिर्फ दिखावे की नीतियाँ लागू कर रही है।
राहुल गांधी ने ये बयान उस वक्त दिया जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश किया। इस बजट में सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की, लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह बजट बेरोज़गारी, महंगाई और किसानों की समस्याओं का वास्तविक समाधान नहीं पेश करता। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि यह बजट केवल मीडिया की नजरों में अच्छा दिखने का प्रयास है, लेकिन इससे गरीबों और आम जनता की परेशानियों का हल नहीं होगा।
राहुल गांधी ने कहा, “यह बजट एक नारा बनकर रह गया है, जो केवल पॉपुलिज़्म के लिए पेश किया गया है। सरकार ने अपने आर्थिक एजेंडे में कोई गंभीर बदलाव नहीं किया है। यह बजट सच्चाई से मुंह चुराने की तरह है।” उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार ने इस बजट में कोई ठोस कदम नहीं उठाए, जिससे लोगों को रोजगार, सस्ती शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि सरकार की नीतियों के कारण आज देश के युवा बेरोज़गारी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “बेरोज़गारी की दर बढ़ रही है, किसानों की आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं, और आम जनता महंगाई के बोझ तले दब रही है। ऐसे में सरकार का यह बजट केवल एक औपचारिकता से ज्यादा कुछ नहीं है।”
राहुल गांधी ने इस बजट को “गोली के घाव पर पट्टी लगाने जैसा” बताया। उनका मानना है कि सरकार ने केवल आंशिक उपायों को ही लागू किया है, जिनसे देश की सबसे बड़ी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, “इस बजट में कोई ठोस सुधार नहीं है। अगर सरकार वास्तव में बदलाव चाहती, तो वह गरीबी, बेरोज़गारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर गंभीरता से काम करती।”
कांग्रेस पार्टी ने भी बजट को लेकर आलोचना की है। पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि यह बजट आम आदमी के लिए नहीं, बल्कि बड़े उद्योगपतियों के लिए पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें किसानों, मजदूरों और बेरोज़गार युवाओं के लिए कोई ठोस राहत नहीं है।
इसके विपरीत, सरकार के समर्थन में वित्त मंत्री ने बजट को देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाला बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट निवेश को आकर्षित करेगा और रोजगार सृजन के लिए नए अवसर पैदा करेगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि सरकार ने गरीबों और मध्यवर्ग के लिए कई लाभकारी योजनाएं बनाई हैं।
हालांकि, विपक्ष ने इस पर सवाल उठाया है और कहा कि सरकार ने दिखावे के लिए योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ खास बदलाव नहीं हुआ है। राहुल गांधी का कहना है कि इस बजट का असल उद्देश्य चुनावी लाभ लेना है, न कि देश के आर्थिक हालात को सुधारना।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि अगर सरकार अपने वादों को पूरा करना चाहती है, तो उसे एक ऐसी नीति बनानी होगी, जो हर वर्ग की चिंता को ध्यान में रखते हुए बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अपने फैसलों के जरिए यह साबित करना होगा कि वह सचमुच गरीबों और आम जनता के हित में काम कर रही है, न कि बड़े उद्योगपतियों के पक्ष में।
इस दौरान राहुल गांधी ने एक बार फिर से सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनहित से ज्यादा अपने राजनीतिक फायदे के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “सरकार को जनहित के लिए काम करना चाहिए, न कि सिर्फ चुनावों में जीत हासिल करने के लिए।”
वर्तमान में यह मुद्दा देश के विभिन्न हिस्सों में गर्मा गया है और सभी की निगाहें अब उस पर हैं कि सरकार इस आलोचना का कैसे जवाब देती है और बजट के बाद अगले कदम क्या होंगे।