मोक्ष वाहन नहीं मिलने से गुस्साए परिजनों ने किया सड़क जाम,पुलिस ने किया लाठी चार्ज
लातेहार:- जिले में एक अजीब और तनावपूर्ण घटना घटी, जब सदर अस्पताल में एक युवक के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद, मृतक के परिजनों ने शव को ले जाने के लिए मोक्ष वाहन की मांग की, लेकिन जब स्वास्थ्य विभाग की ओर से वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया, तो परिजनों ने विरोध स्वरूप सड़क जाम कर दी। यह घटना एनएच 39 सड़क पर समाहरणालय के समीप हुई, जहां करीब डेढ़ घंटे तक रास्ता जाम रहा।
जाम की सूचना मिलते ही अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो और थाना प्रभारी दुलार चौड़े मौके पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से शांति बनाए रखने और जाम हटाने की अपील की, लेकिन परिजनों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। वे सिविल सर्जन पर कार्रवाई की मांग करते रहे, जिसके कारण स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
प्रदर्शनकारियों ने जब अपनी मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन शुरू किया, तो पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा। इस दौरान पुलिस ने दो प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में वीरेंद्र कुमार और पंचम कुमार राम शामिल हैं। सीओ अरविंद देवाशीष टोप्पो ने कहा कि बिना अनुमति के धरना प्रदर्शन किया जा रहा था और पुलिस द्वारा समझाए जाने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने उग्रता दिखाई। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और अन्य प्रदर्शनकारियों को भी चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाएगी।
मृतक के चचेरे भाई पंचम कुमार राम ने लगाया आरोप
मृतक के चचेरे भाई पंचम कुमार राम ने आरोप लगाया कि उनके भाई को महुआडांड बुलाकर हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि शव को पेड़ से लटका कर आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया गया, लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। पंचम कुमार ने यह भी बताया कि सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद, शव को घर ले जाने के लिए मोक्ष वाहन की मांग की गई थी, लेकिन सिविल सर्जन ने कोई व्यवस्था नहीं की, जिससे परिजन शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने पर मजबूर हो गए।
भीम आर्मी के नेता वीरेंद्र कुमार राम ने क्या कहा..
भीम आर्मी के नेता वीरेंद्र कुमार राम ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए कहा कि यह सिर्फ एक शव के ले जाने का मामला नहीं है, बल्कि दलित और आदिवासी समुदाय के अधिकारों की रक्षा का सवाल है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोक्ष वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे, तो पुलिस ने उन पर दबाव डालने की कोशिश की।और लाठी चार्ज किया।