
योजनाओं के नाम पर सरकारी राशि का दुरूपयोग
पाकुड़िया/पाकुड़
पूर्व के संकलन मे भी पाकुड़िया प्रखंड के गणपुरा पंचायत के गणपुरा गांव में बिचौलिये दीपक चौधरी द्वारा निर्मित सिंचाई कूप की खबर उजागर की गई थी।इसके बावजूद खबरों पर कार्यवाही ना होना बहुत से सवालों को जन्म दे रहा है।मजे की बात यह है की योजनाओं से सम्बंधित कई मनरेगा कार्य जैसे डोभा निर्माण, सिंचाई कूप अथवा अन्य बिचौलिये दीपक चौधरी द्वारा करवाये गए हैं।ज्ञातव्य हो कि गणपुरा पंचायत के गणपुरा गांव में सकल हांसदा की जमीन पर वित्तीय वर्ष 2022-23 में सिंचाई कूप निर्माण कराया गया है। निर्माण कार्य को सही ढंग से नहीं किया गया है।कूप के साइड में मिट्टी को भी अच्छे से भरा नहीं गया है। योजना के अनुरूप ना तो कोई कार्य किया गया है ना ही कार्य की गुणवत्ता अच्छी है,ऐसा प्रतीत होता है जैसे योजना के नाम पर खानापूर्ति की गई हो।योजनाओं को जैसे तैसे पूरा कर सरकारी राशि की निकासी कर बंदरबांट किया गया है।संबंधित कर्मियों को जनता के हितों का ध्यान नहीं अपितु सिर्फ उन्हें अपनी जेबें गर्म करनी है।भ्रष्टाचार के इस खुले खेल में ना तो संबंधित अधिकारियों का ध्यान है और ना ही जनप्रतिनिधियों का जिसका फायदा मुखिया,पंचायत सचिव तथा रोजगार सेवक, विचौलिया जैसे कर्मी उठाते हैं,तथा जनता को ठगने का काम करते है।योजनाओं की स्वीकृति से लेकर क्रियान्वन तथा उसके पूरे होने तक इसकी मॉनीटरिंग की जवाब देही संबंधित अधिकारी की होती है, लेकिन यदि इस योजना में गड़बड़ी हुई तो कहीं ना कहीं इसके लिए संबंधित अधिकारी भी उतना ही दोषी है।मनरेगा कार्यो में ऐसा भ्रष्टाचार कहीं ना कहीं जांच का विषय है, यदि इस पर उचित तरीके से जांच की जाए तो भ्रष्टाचार की कई परतों का खुलासा हो सकता है।साथ ही साथ जनता के हक तथा अधिकारों से वंचित करने वाले ऐसे कर्मी तथा बिचौलियों को एक सबक मिल सकता है।