नीलकमल शुक्ला की रिपोर्ट,
- रथ पर सवार होकर देवकीनंदन करेंगे जल यात्रा का नेतृत्व
मेदिनीनगर (पलामू) :- परशुराम युवा वाहिनी के नेतृत्व में श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ सह श्रीमद् भागवत कथा का कलश यात्रा मंगलवार को हाउसिंग कॉलोनी से पूरे गाजे-बाजे के साथ निकलेगी। हाउसिंग कॉलोनी से पूर्वाह्न ठीक 9 बजे निकलेगी । कलश यात्रा में आगे – आगे ब्रह्मचारी उदितानंद जी महाराज व संत श्री गौरवानंद महाराज होंगे। कलश यात्रा
का नेतृत्व महायज्ञ कमेटी के संरक्षक अर्जुन पांडेय उर्फ गुरु पांडेय, अध्यक्ष देवेंद्र तिवारी, यज्ञशाला प्रभारी कृष्णकांत चौबे व महासचिव शैलेश दुबे करेंगे। उक्त जानकारी समिति के मीडिया प्रभारी अवधेश शुक्ला ने दी। बताया कि यज्ञ स्थल से बड़ी संख्या में युवतियां, महिलाएं व पुरुष कोयल नदी पहुंचेंगे। कलश यात्रा गिरवर स्कूल स्थित कोयल नदी के तट पर जाएगी। वहां वाराणसी से पहुंचे 22 विद्वान ब्राह्मणों के साथ श्रीमद् भागवत के ख्याति प्राप्त कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर मंत्रोच्चारण कर कलश में जल भराव कराएंगे व श्रद्धालुओं पर सप्त नदियों के जल का छिड़काव करेंगे। इसके पश्चात देवकीनंदन ठाकुर
रथ पर सवार होकर कलश यात्रा का नेतृत्व करेंगे । कलश यात्रा पोस्ट ऑफिस रोड, छहमुहान, रेड़मा चौक होते हुए सीधे हाउसिंग कॉलोनी स्थित यज्ञ स्थल पर पहुंचेगी। इस क्रम में हेलीकॉप्टर से श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा होगी। यज्ञ मंडप पर पहुंचने के पश्चात समिति के सदस्य सभी कलश यात्रियों को शीतल जल के साथ फलाहार कराएंगे।
बाक्स…… 22 से 27 नवंबर तक देवकीनंदन ठाकुर श्रद्धालुओं को कथा कराएंगे श्रवण
22 से 27 नवंबर तक देवकीनंदन ठाकुर श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराएंगे । कथा 3 बजे अपराह्न से 6 बजे तक होगा। 27 नवंबर को कथा कार्यक्रम में परिवर्तन किया गया है। श्रद्धालु 27 को कथा का श्रवण पूर्वाह्न 11 से अपराह्न 2 बजे तक कराएंगे। यज्ञ समिति के संरक्षक अर्जुन पांडेय उर्फ गुरु पांडे में ने पलामू प्रमंडल के लोगों को महायज्ञ में शामिल होकर देवकीनंदन ठाकुर का कथा श्रवण करने का वहन किया है।
बाक्स….11कुंडीय यज्ञशाला में 22 से होगा वेद पाठ
21 नवंबर को केवल जल यात्रा कार्यक्रम होगा। 22 नवंबर से पूर्वाह्न 6 बजे से वेद पाठ प्रारंभ होगा। 8 बजे से देवताओं का आह्वाहन व पूजन किया जाएगा। 22 नवंबर को भी यही कार्यक्रम चलेगा। 11 कुंडीय यज्ञशाला में सपत्नीक 22 श्रद्धालु शामिल होंगे । जबकि 24 नवंबर से 22 श्रद्धालुओं के अलावे प्रत्येक कुंड पर पांच-पांच अतिरिक्त श्रद्धालु सकल हवन में भाग ले सकेंगे। 27 नवंबर को अंतिम हवन होगा। उक्त जानकारी यज्ञशाला प्रभारी कृष्णकांत चौबे ने दिए।